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गर्ल्स कालेज में आदि-रंग चित्रकारों का किया गया सम्मान

Dec 10, 2017

दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चित्रकला विभाग एवं रजा फाउण्डेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय कायर्शाला आदि-रंग के समापन अवसर पर कायर्शाला में आये देश के विभिन्न प्रांतों के चित्रकारों का शाल-श्रीफल से सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. दीपक कारकून तथा विशिष्ट अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी विजय मैरॉल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने की। दुर्ग। गर्ल्स कालेज (शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय) में चित्रकला विभाग एवं रजा फाउण्डेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय कायर्शाला आदि-रंग के समापन अवसर पर कायर्शाला में आये देश के विभिन्न प्रांतों के चित्रकारों का शाल-श्रीफल से सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. दीपक कारकून तथा विशिष्ट अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी विजय मैरॉल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने की। दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चित्रकला विभाग एवं रजा फाउण्डेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय कायर्शाला आदि-रंग के समापन अवसर पर कायर्शाला में आये देश के विभिन्न प्रांतों के चित्रकारों का शाल-श्रीफल से सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. दीपक कारकून तथा विशिष्ट अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी विजय मैरॉल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने की। डॉ. कारकून ने कहा कि भारतीय लोककला एवं पेंटिंग विश्व के किसी भी चित्रशैली से कमतर नहीं है। विदेशों में भारतीय कलाशैली की बहुत ज्यादा मांग है। विशिष्ट अतिथि विजय मैरॉल ने कायर्शाला की विविधता को रेखांकित करते हुए नार्थ ईस्ट का उदाहरण सामने रखकर कला की सुंदरता को अभिव्यक्त किया। उन्होने कहा कि व्यक्तित्व के विकास के लिये ऐसे रचानात्मक महौल की आवश्यकता है।
प्राचार्य डॉ. तिवारी ने प्रतिभागियों द्वारा इस कायर्शाला में सीखे गये कौशल को हमेशा अभ्यास कर विकसित करने को महत्वपूर्ण बताया। उन्होनें कहा कि युवा पीढ़ी का तल्लीन और एकाग्र होकर घण्टों चित्रकारी करते रहना एक सुखद क्षण है। ऐसे रचनात्मक आयोजन के लिये रजा फाउण्डेशन का महाविद्यालय परिवार आभारी है। डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने कायर्शाला के लोक-कलाकारों का साक्षात्कार लिया तथा कायर्शाला की गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। चित्रकला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र त्रिपाठी ने कायर्शाला की उपयोगिता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कायर्शाला विद्याथिर्यों, शिक्षकों एवं चित्रकारों के लिये अविस्मरणीय रहेगी। जहाँ देश के विभिन्न लोककलाओं का संगम हुआ।
इस कायर्शाला में दिल्ली विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़, दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव, कमला देवी महाविद्यालय एवं महिला पॉलिटेक्नीक राजनांदगांव, अजिम प्रेमजी फाउण्डेशन धमतरी, भिलाई महिला महाविद्यालय, सांई महाविद्यालय, रूंगटा महाविद्यालय, शासकीय महाविद्यालय भिलाई-3, डीपीएस भिलाई, खालसा पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर्स स्कूल के विद्यार्थी एवं शिक्षक बड़ी संख्या में कायर्शाला में सहभागिता दी।
कार्यक्रम में सहभागी विद्याथिर्यों एवं शिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरीत किये गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा ठाकुर ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ. योगेन्द्र त्रिपाठी ने किया।

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