दुर्ग। सुप्रसिद्ध सायकोलॉजिस्ट डॉ केसी भगत ने कहा है कि पढ़ते समय रीढ़ की हड्डी रखें सीधी तो पढ़ाई याद रहेगी। विभिन्न असहज मुद्राओं में बैठकर पढऩे से हमारा मस्तिष्क उतनी फुर्ती से विषय-वस्तु ग्रहण नहीं कर पाता। डॉ भगत शासकीय डॉ. वावा पाटणकर कन्या महाविद्यालय में विद्यार्थियों को परीक्षा के भय को दूर करने तथा पढ़ाई कैसे करें पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा के समय विद्यार्थियों के भीतर भय व्याप्त हो जाता है जिसके बहुत से कारण है। परीक्षा में सफलता हमारी स्मरणशक्ति पर निर्भर करती है। हमारी एकाग्रता, हमारी स्मरणशक्ति इस पर निर्भर करती है कि हम पढ़ाई कैसे करते है। पढ़ाई के समय सीधे बैठे, रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। डॉ. भगत के अनुसार प्रात: काल पढऩा ज्यादा श्रेयस्कर होता है रात्रि को देर तक जागकर पढ़ऩे की तुलना में। पढ़ाई के तरीकों में लिखकर पढऩा और समूह में पढऩे से फायदे है।
व्याख्यान में छात्राओं ने पढ़ाई से संबंधित कई प्रश्न भी पूछे जिनका समाधान डॉ. भगत ने किया। छात्राओं ने पूछा एकाग्रता कैसे लायें? पढऩे के वक्त नींव आने लगती है? पढ़ा हुआ जल्दी भूल जाते हैं? और उतने नंबर नहीं मिलते जितनी ज्यादा पढ़ाई करते हैं?
डॉ. भगत ने छात्राओं को एकाग्रता के तरीके, याद करने की विधियाँ तथा परीक्षा के वक्त खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि परीक्षा के लिए तैयारी में टाईम मेनेजमेंट अहम भूमिका निभाता है। समयबद्ध तरीके से पढ़ाई तथा लिखकर उसका अभ्यास जरूरी है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. डी.सी. अग्रवाल, डॉ. अमिता सहगल, डॉ. रेशमा लाकेश, डॉ. अंकिता भगत सहित छात्राएँ उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तृप्ति बाला ने किया।