तिरुवनंतपुरम। रात में पराठे बेचकर पीएचडी का खर्च निकाल रही ये स्टूडेंट। ये आलू के परांठे की दुकान अपने टेस्ट और सर्विस के कारण फेमस हैरात में पराठे बेचकर पीएचडी का खर्च निकाल रही ये स्टूडेंट। इस दुकाने को चलाने वाले कपल की कहानी के कारण भी लोकप्रिय है। पति प्रेमशंकर मंडल और पत्नी स्नेहा लिंबगाओंकर इस दुकान को चलाते हैं। स्नेहा केरल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं और प्रेमशंकर सीएजी डिपार्टमेंट में नौकरी छोड़कर स्नेहा का साथ देते हैं ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। अपनी पढ़ाई पूरी कर जर्मनी में बसने का सपना देखने वाली स्नेहा कॉलेज से लौटने के बाद सीधे दुकान पर पहुंचती हैं और पति का हाथ बंटाती हैं। दुकान पर पराठों के साथ-साथ डोसा और ऑमलेट भी बनते हैं।
दोनों की मुलाकात ऑरकुट पर हुई थी और शादी करके साथ जिंदगी बिताने के बारे में सोच लिया। लेकिन मुश्किल यह थी कि प्रेमशंकर झारखंड के रहने वाले हैं और स्नेहा महाराष्ट्र की। दोनों के घरवाले इस शादी के लिए राजी ही नहीं हो रहे थे।
उन्होंने अपने घरवालों को मनाने की सारी कोशिश कर डाली लेकिन वे नहीं माने। आखिर में थक हारकर दोनों ने अपने घरवालों की मर्जी के बगैर शादी करने का फैसला कर लिया। प्रेमशंकर उन दिनों दिल्ली में नौकरी करते थे। स्नेहा का मन पढ़ाई में लगता था इसीलिए वह पीएचडी करने की तैयारी कर रही थी।
स्नेहा को रिसर्च के लिए केरल यूनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप मिल गई। स्नेहा की फेलोशिप के पैसे जब खत्म हो गए तो प्रेम ने परांठा की दुकान शुरू कर दी। ताकि स्नेहा की पीएचडी में कोई मुश्किल न आए।