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श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में संवाद, सम्मान व विमोचन की त्रिवेणी

Jul 27, 2018

Shankaracharya Mahavidyala Bhilaiभिलाई। अपनी परम्परा के अनुरूप श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी के विविधा समूह ने गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में एक गरिमापूर्ण समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर दो पत्रिकाओं का विमोचन, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान और लब्धप्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ विद्यार्थियों के संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के जनसम्पर्क संचालक चन्द्रकांत उईके ने इस अवसर पर अपने जीवन के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को सदा प्रसन्न रहने और अनुशासित रहने की सीख दी। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में ऐसा कुछ करना चाहिए कि लोग हमें याद रखें।Shankaracharya Mahavidyalaकार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्काउट गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त गजेन्द्र यादव ने लोकनृत्य कर्मा की सफलता का राज बताया। उन्होंने कहा कि कर्मा – कर्म से जुड़ा है और पूरे विश्व में यह विभिन्न रूपों में मौजूद है। उन्होंने बताया कि जब स्काउट जम्बूरी में सामूहिक नृत्य का बात आई तो उन्होंने सोच समझ कर ही कर्मा नृत्य को चुना। जब इसके लिए विभिन्न राज्यों से आए बच्चों को तैयार होने के लिए कहा गया तो वे सहजता से इसकी वेषभूषा में आ गए। 23046 बच्चों ने एक साथ कर्मा की प्रस्तुति दी। गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने तत्काल इसे प्रविष्टि दे दी और गिनीज बुक में भी यह जल्द ही एक रिकार्ड के रूप में सम्मिलित होने जा रहा है।
Patrika Vimochanवरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार विनोद मिश्र ने समाज में स्त्री की भूमिका और उसकी जागरूकता और विसंगतियों को रेखांकित करते हुए बांग्लादेश की एक घटना का उल्लेख किया। जब अमीर पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दिया तो महिला ने कहा कि यदि संभव हो तो वे मेहर की रकम के साथ उसका खोया हुआ शबाब भी लौटा दें।
श्रीगंगाजलि एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन आईपी मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि महिलाएं युगों-युगों से सशक्त हैं और हमेशा रहेंगी। नारी है, इसीलिए ईश्वर हैं। भारत में नारी सदैव सम्मानित हैं और उनके सम्मान की रक्षा के लिए हम किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। महाभारत एवं रामायण की गाथाएं इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।
आरम्भ में महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। अंत में महाविद्यालय के संयुक्त निदेशक डॉ जे दुर्गाप्रसाद राव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ नलिनी श्रीवास्तव, श्रीमती पुष्पा शिरके, श्रीमती प्रभा चौबे, श्रीमती मंजुला पशीने, डॉ अन्जना श्रीवास्तव, पत्रकार भावना पाण्डेय, संगीता मिश्रा, शबा अंजुम खान, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना एवं गुरू उपासना तिवारी तथा पूनम सरपे का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार विनोद मिश्र की पत्रिका वसुंधरा एवं श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्या डॉ रक्षा सिंह की पत्रिका कुटुम्ब का विमोचन किया गया।

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