भिलाई। स्त्री स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था अनुभूतिश्री फाउंडेशन ने एमजे कालेज के सहयोग से विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर टीआई मॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस उपलक्ष्य में ‘अनुभूतिश्री’ ने वंचित तबके की लड़कियों एवं महिलाओं को मुफ्त में स्वनिर्मित सैनिटरी पैड्स का वितरण भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संभागायुक्त एवं हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति दिलीप वासनीकर ने शिक्षा में विस्तार के साथ माहवारी को लेकर आ रही सजगता को रेखांकित करते हुए कहा कि शासन भी इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। अनुभूतिश्री फाउंडेशन और एमजे कालेज द्वारा किया जा रहा प्रयास इसमें सहयोगी सिद्ध हो रहा है।विशिष्ट अतिथि भिलाई नगर निगम के आयुक्त एसके सुन्दरानी ने महिलाओं से आग्रह किया कि वे यूज्ड पैड्स को इधर उधर फेंकने के बजाय उसे कचरे के डब्बे मेें डालें ताकि उसका सही निपटान हो सके। उन्होंने कहा कि यूज्ड पैड्स को किसी भी सूरत में नाली, नहर, तालाब में न फेंकें क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
इससे पूर्व बीएम शाह हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ स्वाति राय ने माहवारी के वैज्ञानिक पहलू की चर्चा की। उन्होंने बताया कि माहवारी के दिनों में बरती जाने वाली लापरवाही कई जटिलताओं का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि टैम्पोन्स की बजाय सैनिटरी पैड्स का उपयोग बेहतर रहता है। इसे हर 4-6 घंटे में बदल लेना चाहिए। उन्होंने अनुभूतिश्री फाउंडेशन और एमजे कालेज के प्रयासों की सराहना की।
एमजे कालेज के सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने अपने स्कूली दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके तेलुगू सहपाठियों के यहां लड़की के रजस्वला होने पर जश्न मनाया जाता था। बाद में उन्हें पता चला कि तमिलनाडू, केरल एवं कर्नाटक में भी इस तरह के आयोजन किये जाते हैं। दक्षिण के राज्यों में इसे बेहद सहजता से लिया जाता है जबकि उत्तरी भारत में इसके साथ झिझक और शर्म को जोड़ दिया गया है। यह झिझक काफी हद तक टूट चुकी है पर अभी काम बाकी है।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी किरण सिंह ने समाज में आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए कहा कि बचपन में टीवी पर जैसे ही सैनिटरी पैड का विज्ञापन आता था तो उन्हें वहां से उठ जाना पड़ता था। आज सपरिवार लोग इसे सामान्य रूप से देखते हैं। पैडमैन मूवी आने के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि 28 मई को शासन के स्तर पर इस कार्यक्रम को किया जाना है। अनुभूतिश्री फाउंडेशन का यह कार्यक्रम इसका प्रीकर्सर साबित हो रहा है।
एनएसपीसीएल के बिजनेस यूनिट हेड देबाशीष चट्टोपाध्याय ने माहवारी स्वच्छता दिवस जैसे कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे लोगों में जागरूकता आएगी और महिलाओं की मुश्किलें कम होंगी।
‘अनुभूतिश्री’ की फाउंडर प्रेसीडेंट डिम्पल कौर एवं परविन्दर सिंह ने बताया कि फाउंडेशन द्वारा पिछले तीन वर्षों से महिलाओं एवं बच्चियों के जीवन में सकारात्मक रचनात्मक परिवर्तन लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। संस्था अब तक 50 हजार पैकेट सैनिटरी नैपकिन का मुफ्त वितरण कर चुकी है।
कार्यक्रम का संचालन एमजे कालेज की सहा. प्राध्यापक अर्चना त्रिपाठी एवं ममता राहुल ने किया।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त सीएसपी वीरेन्द्र सतपथी, डॉ आभा शशि कुमार, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच, सहा. प्राध्यापक पूजा केशरी, एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग के प्राध्यापकगण डैनियल तमिलसेलवन, प्रवीण कुमार, डीजीएम एनएसपीसीएल बीबी पात्रा, अनुभूतिश्री की बबीता दत्ता, प्रतिमा राठौर, अनिता साहू, विजया शुक्ला, विभा मिश्रा, जयन्ती साहू, हर्षराज सिंह सहित एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग की छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।