भिलाई। छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने आज कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दूरस्थ अंचलों में स्थित महाविद्यालय के छात्र भी अब देश को चोटी के शिक्षकों के लेक्चर्स अटेंड कर पाएंगे। इसके लिए ई-क्लास रूम की मदद ली जाएगी जिसमें आईआईटी, आईआईएम, जेएनयू तथा दुर्ग, भिलाई, रायपुर एवं बिलासपुर के उच्च शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक रियल टाइम में पढ़ाएंगे।उच्च शिक्षा मंत्री यहां कल्याण महाविद्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापक संघ के वार्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। मंच पर महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव, लक्ष्मीपति राजू, डॉ एचएन दुबे, अजय शर्मा, डॉ आरपी अग्रवाल, सुभद्रा सिंह एवं बीपी शर्मा भी मौजूद थे।
श्री पटेल ने बताया कि देश में अच्छे प्राध्यापकों की कमी है। छत्तीसगढ़ में भी स्थिति अलग नहीं है। राज्य में प्राध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए पीएससी के माध्यम से 1300 भर्तियां की जा रही हैं। इससे स्थिति कुछ हद तक संभल सकती है। इसके अलावा देश के लब्धप्रतिष्ठ प्राध्यापकों को यहां आमंत्रित किया जाएगा। उनके साथ ही राज्य के बेहतरीन प्राध्यापकों की टीम बनाई जाएगी। इन प्राध्यापकों को ई-क्लास रूम से जोड़ा जाएगा। इन ई-क्लासेस का लाभ सुकमा, दंतेवाड़ा, जैसे सुदूर वनांचलों के विद्यार्थियों को भी मिल पाएगा। इससे राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार आने की उम्मीद है।
उन्होेंने बताया कि राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या को देखते हुए इसी शिक्षण सत्र से 1000 सीटें बढ़ाई गई हैं। आने वाले वर्षों में स्थिति और अच्छी हो जाएगी।
उन्होंने पर्याप्त रोजगार के अवसरों की कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं इंजीनियरिंग में डिग्री ली है इसलिए स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। तकनीकी शिक्षा को समाज की आवश्यकता के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी। लाइवलीहुड कालेजों में भी जिलेवाल वही पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे जिनसे जुड़े रोजगार वहां स्थानीय तौर पर उपलब्ध हों।
मौके पर कल्याण महाविद्यालय के प्राचार्य वाय आर कटरे, पूर्व प्राचार्य डॉ हरिनारायण दुबे, भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ संध्या मदन मोहन, हेमचंद विश्वविद्यालय से जुड़े डॉ आरपी अग्रवाल सहित अनेक प्राध्यापकगण उपस्थित थे।