• Sun. May 5th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

लोग कहते थे काल कोठरी, छिपा था सपनों का राज्य : श्रीलेखा

Sep 7, 2019

एमजे कालेज में इंडक्शन कम फ्रेशर पार्टी

 भिलाई। एमजे कालेज में आज फार्मेसी विभाग का इंडक्शन प्रोग्राम एवं डिग्री कालेज की फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि लोगों के बहकावे में न आकर, चुनौतियों को स्वयं आगे बढ़कर स्वीकार करना चाहिए। अकसर सफलता का रास्ता वहीं कहीं से होकर जाता है। अपने कथन को एक कहानी से बल प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि एक गांव में एक भयंकर सी लगने वाली गुफा थी। लोग उसे काल कोठरी कहते थे। कहा जाता था कि जो भी उसमें गया, कभी लौटकर नहीं आया।भिलाई। एमजे कालेज में आज फार्मेसी विभाग का इंडक्शन प्रोग्राम एवं डिग्री कालेज की फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि लोगों के बहकावे में न आकर, चुनौतियों को स्वयं आगे बढ़कर स्वीकार करना चाहिए। अकसर सफलता का रास्ता वहीं कहीं से होकर जाता है। अपने कथन को एक कहानी से बल प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि एक गांव में एक भयंकर सी लगने वाली गुफा थी। लोग उसे काल कोठरी कहते थे। कहा जाता था कि जो भी उसमें गया, कभी लौटकर नहीं आया।  भिलाई। एमजे कालेज में आज फार्मेसी विभाग का इंडक्शन प्रोग्राम एवं डिग्री कालेज की फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि लोगों के बहकावे में न आकर, चुनौतियों को स्वयं आगे बढ़कर स्वीकार करना चाहिए। अकसर सफलता का रास्ता वहीं कहीं से होकर जाता है। अपने कथन को एक कहानी से बल प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि एक गांव में एक भयंकर सी लगने वाली गुफा थी। लोग उसे काल कोठरी कहते थे। कहा जाता था कि जो भी उसमें गया, कभी लौटकर नहीं आया।डायरेक्टर श्रीलेखा ने कहा कि गांव का एक युवक साहसी था। सबके डराने के बावजूद उसने इस चुनौती को स्वीकार किया। गुफा में प्रवेश करने के बाद वह स्वयं को घुप्प अंधेरे में घिरा पाया। वह चुपचाप आगे बढ़ता गया। तभी कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया और एक तरफ ले गये। यहां चारों तक जगमग प्रकाश था। खाने पीने, पहनने ओढ़ने की तमाम अच्छी चीजें चारों तरफ बिखरी पड़ी थी। वहां कई लोग थे। पूछताथ करने पर उसने पाया कि ये सभी लोग उसके गांव के थे। यहां के ऐशो आराम ने उन्हें ऐसा बांधा था कि वे अपने गांव को भुला बैठे थे। गांव वाले जो कुछ भी गुफा के बारे में कहते थे वह पूरी तरह से गलत थी।
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने नव प्रवेशी विद्यार्थियों का महाविद्यालय मेें स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि क्लास रूम स्टडी को कभी मिस नहीं करना चाहिए। यहां आप अपनी किताबों से परे भी कई बातें सीखते हैं। यह आपके जीवन में एक अलग तरह का अनुशासन लाता है।
फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार, पंडित शरद पाण्डेय एवं शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया ने भी समारोह को संबोधित किया।
बच्चों ने इस अवसर पर अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। मिस फ्रेशर मिस्टर फ्रेशर सहित अनेक पुरस्कार नवागंतुकों को प्रदान किये गये। सीनियर और जूनियर देर शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक दूसरे के करीब आने की कोशिश करते रहे।

Leave a Reply