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श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में हिन्दी सप्ताह पर प्रतियोगिताएं व पुस्तक मेला

Sep 15, 2019

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी सप्ताह के तहत विभिन्न प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्व प्रथम आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले ‘भारतेन्दु हरिचन्द्र की जयंती’ पर उनके व्यक्तित्व व कृतिव का परिचय देते हुए उनकी कालजयी रचना ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का प्रदर्शन किया गया। पं. बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी।भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी सप्ताह के तहत विभिन्न प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्व प्रथम आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले ‘भारतेन्दु हरिचन्द्र की जयंती’ पर उनके व्यक्तित्व व कृतिव का परिचय देते हुए उनकी कालजयी रचना ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का प्रदर्शन किया गया। पं. बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी। Hindi-Divas02 भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी सप्ताह के तहत विभिन्न प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्व प्रथम आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले ‘भारतेन्दु हरिचन्द्र की जयंती’ पर उनके व्यक्तित्व व कृतिव का परिचय देते हुए उनकी कालजयी रचना ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का प्रदर्शन किया गया। पं. बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी।विजयी प्रथम दो विद्यार्थियों ने अन्तमर्हाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता में महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। आलेख लेखन में ‘व्हाट्सअप और हिन्दी’ विषय पर विद्यार्थियों ने हिन्दी के बदलते रुप को अपने विचारों के माध्यम से लिपिबद्ध किया। साहित्यिक प्रश्नोत्तरी में साहित्य संबंधित प्रश्नों का बड़ी कुशलता से प्रतिभागियों ने उत्तर दे साहित्य के प्रति अपनी रूचि को अभिव्यक्त किया। विद्यार्थियों ने पोस्टर प्रतियोगिता के तहत ‘बाल-शोषण’ विषय पर वर्तमान में असुरक्षित बालक व बालिकाओं की स्थिति को अपने कैनवास में उकेरा।
हिन्दी सप्ताह के अंतिम दिन महाविद्यालय के ग्रंथालय के सहयोग से पुस्तक मेला का आयोजन किया गया जिसमें हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकारों की प्रसिद्ध कृतियों को रखा गया। इस पुस्तक मेले का उद्देश्य साहित्य को पढ़ने को प्रेरित करना तथा साहित्यकारों के श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता व मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित है उनसे परिचित हो उन मूल्यों को अपने जीवन में अपना सकें।
महाविद्यालय की निदेशक व प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि हिन्दी विश्व की प्राचीन और समृद्ध भाषा है और हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जानी वाली तीसरी भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। अपनी भाषा से ही हमें संस्कृति का ज्ञान होता है जो व्यक्ति को सामाजिक बनाने में सहायक है। कार्यक्रम की सराहना करते हुए महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा राष्ट्रभाषा का प्रयोग कर उसको समृद्ध कर सम्मान देना है। जो हिन्दी को हेय दृष्टि से देखते है वे स्वयं अपना मान घटा रहे है। हिन्दी सप्ताह के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. अचर्ना झा ने कहा कि साहित्य के अलावा महाविद्यालय के अन्य विषयों में अध्ययनरत विद्याथिर्यों के साहित्यिक अभिरूचि व रचनात्मक कौशल को मंच प्रदान करना व उन्हें राष्ट्रभाषा व संस्कृति से जोड़ना तथा वतर्मान समाज की स्थिति को राष्ट्रभाषा में अभिव्यक्त कर अपनी हिन्दी शब्दवली को विकसित करने में सहयोग देना है। विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहें
आलेख लेखन – प्रथम स्थान-लीना कश्यप बी.एस.सी.-तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान-ईशा नेताम-बी.एस.सी. तृतीय वर्ष, तृतीय स्थान- एकता अग्रवाल बी.एस.सी.-द्वितीय वर्ष
भाषण प्रतियोगिता- प्रथम स्थान-मेघ जैन बी.सी.ए.-तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान-आरिफा सिद्धकी-बी.एस.सी. प्रथम वर्ष, तृतीय स्थान- एकता अग्रवाल बी.काम.-प्रथम वर्ष
पोस्टर प्रतियोगिता- प्रथम स्थान-यामिनी साहू बी.काम.-प्रथम वर्ष, द्वितीय स्थान-ईशा ठाकुर-बी.एस.सी. तृतीय वर्ष, तृतीय स्थान- चित्रा चन्द्राकर बी.एस.सी.-तृतीय वर्ष
साहित्यिक प्रश्नोत्तरी – प्रथम स्थान-मोहन राकेश (समूह), द्वितीय स्थान-हरिशंकर परसाई (समूह), तृतीय स्थान- भीष्म सहानी (समूह)भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी सप्ताह के तहत विभिन्न प्रतियोगिता व कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्व प्रथम आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले ‘भारतेन्दु हरिचन्द्र की जयंती’ पर उनके व्यक्तित्व व कृतिव का परिचय देते हुए उनकी कालजयी रचना ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का प्रदर्शन किया गया। पं. बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी।

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