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श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग में ओजोन दिवस पर कार्यक्रम

Sep 20, 2019

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग में ओजोन दिवस के अवसर पर प्रणीशास्त्र विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान एवं इको क्लब द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बी.एस.सी. के विद्याथिर्यों ने हिस्सा लिया। अतिथि व्याख्यान में डॉ. मीना चक्रबोर्ती शासकीय महाविद्यालय, बोरी ने ओजोन क्षतिकरण के विषय में एवं संरक्षण से संबंधित विशेष जानकारी दी। उन्होंने अपने वक्तव्य में ओजोन क्षतिकरण का कारण प्राकृतिक व मानव जनीत प्रक्रिया है।भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग में ओजोन दिवस के अवसर पर प्रणीशास्त्र विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान एवं इको क्लब द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बी.एस.सी. के विद्याथिर्यों ने हिस्सा लिया। अतिथि व्याख्यान में डॉ. मीना चक्रबोर्ती शासकीय महाविद्यालय, बोरी ने ओजोन क्षतिकरण के विषय में एवं संरक्षण से संबंधित विशेष जानकारी दी। उन्होंने अपने वक्तव्य में ओजोन क्षतिकरण का कारण प्राकृतिक व मानव जनीत प्रक्रिया है। भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग में ओजोन दिवस के अवसर पर प्रणीशास्त्र विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान एवं इको क्लब द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बी.एस.सी. के विद्याथिर्यों ने हिस्सा लिया। अतिथि व्याख्यान में डॉ. मीना चक्रबोर्ती शासकीय महाविद्यालय, बोरी ने ओजोन क्षतिकरण के विषय में एवं संरक्षण से संबंधित विशेष जानकारी दी। उन्होंने अपने वक्तव्य में ओजोन क्षतिकरण का कारण प्राकृतिक व मानव जनीत प्रक्रिया है।उन्होंने बताया कि विकास के दौर में नये-नये उपकरण व प्रशीतक से निकलने वाली सीएफसी गैस ओजोन परत के लिए सबसे घातक है। यह ओजोन का क्षरण करके सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों को सीधे हम तक पहुंचा रही है जो मानव में अनेक प्रकार के कैंसर जैसे घातक रोग व पेड़-पौधों से उत्पन्न मुलायम फसलों को नुकसान पहुँचा रही है यह वातावरण पर भी घातक प्रभाव डाल रही हैं। जो प्रकाश संश्लेषण की दर को कम करके उत्पादन में कमी कर रही है। जिससे खाद्य श्रृंखला प्रभावित हो रही है।
महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग व ओजोन क्षतिकरण जैसी वैश्विक समस्या की रोकथाम हेतु जनमानस को सुझाव व उपाय बता कर उन्हें जागरूक करना चाहिए।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्याथिर्यों के मानसिक बौद्धिक विकास के साथ-साथ वातावरण में हो रहे परिवर्तन की उचित जानकारी तथा स्वयं को सुरक्षित रखने की जानकारी प्राप्त होगी। इस कार्यक्रम का संचालन प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनिया बजाज ने किया एवं सहा. प्राध्यापिका श्रीमती अंजना मिश्रा का भी सहयोग रहा।

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