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साइंस कालेज में विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित

Sep 5, 2019

दुर्ग। शिक्षकों का सम्मान विद्यार्थियों की सफलता का मूलमंत्र है। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने माता-पिता के पश्चात शिक्षक का सदैव सम्मान करना चाहिए। हम चाहे कितने भी विद्वान हों, हमें एक मार्गदर्शक की सदैव आवश्यकता होती है। शिक्षकों के अंदर निहित ज्ञान को विद्यार्थियों को स्वयं प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। ये उद्गार दुर्ग शहर के विधायक अरूण वोरा ने आज विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में शिक्षक दिवस पर व्यक्त किए।दुर्ग। शिक्षकों का सम्मान विद्यार्थियों की सफलता का मूलमंत्र है। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने माता-पिता के पश्चात शिक्षक का सदैव सम्मान करना चाहिए। हम चाहे कितने भी विद्वान हों, हमें एक मार्गदर्शक की सदैव आवश्यकता होती है। शिक्षकों के अंदर निहित ज्ञान को विद्यार्थियों को स्वयं प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। ये उद्गार दुर्ग शहर के विधायक अरूण वोरा ने आज विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में शिक्षक दिवस पर व्यक्त किए।दुर्ग। शिक्षकों का सम्मान विद्यार्थियों की सफलता का मूलमंत्र है। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने माता-पिता के पश्चात शिक्षक का सदैव सम्मान करना चाहिए। हम चाहे कितने भी विद्वान हों, हमें एक मार्गदर्शक की सदैव आवश्यकता होती है। शिक्षकों के अंदर निहित ज्ञान को विद्यार्थियों को स्वयं प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। ये उद्गार दुर्ग शहर के विधायक अरूण वोरा ने आज विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में शिक्षक दिवस पर व्यक्त किए।साइंस कालेज के रवीन्द्रनाथ टैगोर सभागार में यह आयोजन विद्यार्थियों द्वारा किया गया था। श्री वोरा ने बड़ी संख्या में उपस्थित विद्याथिर्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रत्येक भाषा का ज्ञान होना भी अति आवष्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति एव संभागायुक्त दिलीप वासनीकर ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों का आव्हवान किया कि वे विषय के ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान तथा व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दें। श्री वासनीकर ने अपने प्रषासनिक सेवा के दौरान विभिन्न अनुभवों को साझा करते हुए विद्याथिर्यों को प्रेरणादायी उद्बोधन दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने दो लद्यु कथाओं के माध्यम से विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अध्ययन के साथ मंथन की भी आदत डालें। किसी विषय को रटने के स्थान पर यदि विद्यार्थी मंथन कर पढ़े तो वह विषय अच्छी तरह समझ में आने के साथ-साथ लंबी अवधि तक याद रहता है। कार्यक्रम संचालन करते हुए एम.एससी भौतिक शास्त्र की छात्रा प्रतीक्षा पाण्डेय ने शिक्षक दिवस के आयोजन की महता पर विस्तार से प्रकाष डाला।
इस अवसर पर हेमचंद विष्वविद्यालय, दुर्ग के कुलसचिव डॉ. सी.एल. देवांगन तथा युवा नेता सीजू एन्थोनी भी उपस्थित थे। विद्याथिर्यों ने पौधें भेंटकर महाविद्यालय के प्रत्येक प्राध्यापक का सम्मान किया। सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान के साथ आरंभ हुए सम्मान समारोह में अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एम.ए.सिद्दीकी, डॉ. अनुपमा अस्थाना, छात्र नेता डामेन्द्र परगनिहा, आदित्य नारंग, अक्षय सोनी, उस्मान रजा ने किया। महाविद्यालय के विद्याथिर्यों में भूपेन्द्र उइके, अनिल वर्मा, शाहील विष्वकर्मा, के.स्वाति रानी, निकिता सिंह, कुलेष्वर यादव, नवीन नेताम, रिकेश गायकवाड़, हिमांषु, अनीष चन्द्रवंषी, लाकेष सिन्हा, प्रतीक्षा तिवारी, अमित चन्द्रवंषी, अमित टण्डन, गगन गेडाम, शुभम, रितेष, योगेष साहू, दामिनी साहू, सूरज विष्वकर्मा, हिमांषी उपाध्याय, रमाकांत चन्द्राकार, अमन चन्द्राकर, प्रगति अग्रवाल, शषि चन्दानिया, जसमीन हुसैन, हीना, ज्योति कुर्रे, रूचि सिंह, तब्बैया बानो, भावना धनकर, राजकुमार साव, विनय साहू, पीयूष साहू, तुषार, भूमिका देषमुख, भूपत साहू, चन्द्रकांत मागिर्या, संजीव रनाडे, मोहित ठाकुर आदि उपस्थित थे। स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं ने षिक्षकों के सम्मान में गीत कवितायें एवं भाषण प्रस्तुत किया।

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