समाज में व्याप्त भ्रांतियों से बढ़ रही है एचआईवी पीड़ियों की पीड़ा
भिलाई। एचआईवी-एड्स को लेकर आज भी समाज में अनेक भ्रांतियां बरकरार है। लोग एचआईवी पीड़ितों के सम्पर्क में आने से डरते हैं। ऐसे लोगों के प्रति वे इंसानियत का फर्ज अदा करना तक भूल जाते हैं। अकसर एचआईवी संक्रमित होने में इनकी कोई भूमिका नहीं होती पर समाज उन्हें माफ नहीं करता। उन्हें छूना तो दूर उनके साथ बातचीत तक करने से कतराता है। इस अज्ञानता के खिलाफ अभियान चलाना होगा।उक्त बातें एड्स जागरूकता के तहत संतोष रूंगटा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट (आर-1) द्वारा संचालित जीडी रूंगटा कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मास्टर आफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) के विद्यार्थियों के लिए आयोजित संगोष्ठी में शासन के आहना प्रोग्राम के तहत विकास अनुसंधान केंद्र लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना दुर्ग की टीम ने कही।
टीम के अधिकारियों ने चिंता जताई कि जागरूकता के अनेक माध्यम होने के बाद भी लोगों में इस बीमारी के प्रति फैली भ्रांतियां दूर नहीं हो पा रही है। इसलिए लोग अपनी सामान्य जांच तक नहीं कराना चाहते। जबकि हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 1097 के माध्यम से जानकारी लेकर शंकाएं दूर की जा सकती है।
प्रोफेसर डॉ. नीशा के मार्गदर्शन में आयोजित संगोष्ठी में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के लिए संचालित अनेक शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई। बताया गया कि किसी पीड़ित के छूने भर से, उसके साथ उठने-बैठने, बात करने से आप संक्रमित नहीं हो सकते। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों का भी जवाब दिया। इस बीमारी से जुड़े निगेटिव व पॉजाटिव सोच को स्पष्ट किया। इससे संबंधित जागरूकता फिल्म दिखाई गई।
टीम में आहना के परियोजना अधिकारी अभिषेक राजपूत, जिला अस्पताल की पीपीटीसीटी काउंसलर कांति ठाकुर, एसटीआई काउंसलर अभय ताम्रकार, परियोजा प्रबंधक टीआई प्रोजेक्ट अनुपम ताम्रकार शामिल थे।