भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के बायोटेक्नालॉजी तथा माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा मेंडल के विभिन्न नियमों तथा उनके द्वारा दिये गये मोनोहाइब्रिड एवं डाईहाइब्रिड क्रॉस की गणना पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मेण्डलिज़्म विषय पर व्याख्यान हेतु विषय विशेषज्ञ के रूप में गवर्मेन्ट वी.वाय.टी. पी.जी. आॅटोनोमस कॉलेज, दुर्ग के वनस्पति शास्त्र विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. पी.सी. पंडा प्रमुख वक्ता थे। महाविद्यालय की एम.एससी. बायोटेक्नालॉजी प्रथम तथा तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं ने इसका लाभ लिया।प्रोफेसर डॉ. पी.सी. पंडा ने अपने व्याख्यान में बताया कि मेण्डल के द्वारा दिये गये नियमों के आधार पर हम पौधों की आने वाली संततिओं की गणना कर सकते हैं। उन्होंने पौधों में होने वाले मोनोहाइब्रिड तथा डाई हाइब्रिड क्रॉस को विस्तार से समझाया। अपने व्याख्यान में उन्होंने मेण्डल द्वारा किये गये विभिन्न प्रयोगों को उदाहरण सहित समझाते हुए इन नियमों की बायोलॉजी में उपयोगिता पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। आॅस्ट्रीया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक ग्रेगर जॉन मेण्डल को आनुवांशिकी का जनक कहा जाता है जिनके बनाये नियम संबंधित विषय में आज भी अपना उतना ही महत्व रखते हैं। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित बायोटेक्नालॉजी विषय की छात्राओं ने संबंधित विषय पर प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को भी शांत किया तथा प्राप्त ज्ञान को अत्यंत उपयोगी बताया।
विभागाध्यक्ष डॉ. भावना पांडे ने गेस्ट स्पीकर प्रो. पंडा का परिचय दिया। वाइस प्रिंसिपल डॉ. अनिता नरूला ने इस तरह के लेक्चर्स के आयोजन को विद्यार्थियों के लिये ज्ञान प्राप्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के आयोजन हेतु भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. संध्या मदनमोहन तथा भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी तथा सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता का विशेष प्रोत्साहन रहा। कार्यक्रम का संचालन एमएससी बायोटेकनालॉजी प्रथम सेमेस्टर की छात्रा आभा आनंद ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सबीहा नाज द्वारा किया गया। विभाग के फैकल्टी मेम्बर्स श्रीमती सबीहा नाज तथा निकिता अवधिया का आयोजन में उल्लेखनीय योगदान रहा।