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एक जिवाश्म में पायी गयी लकीर का एडवांसेस-इन गणित के रूप में हुआ विस्तार

Feb 19, 2020

संतोष रूंगटा कॉलेज में एडवांसेस इन मैथेमेटिक्स पर नेशनल वर्कशॉप

Traces found in Fossils led to advancements in Mathsभिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी में एडवांसेस इन मैथेमेटिक्स विषय पर नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जहां वक्ताओं ने अब तक गणित पर हुए अनेक शोधों की जानकारी दी। कहा हजारों साल पहले एक जिवाश्म में पायी गयी लकीर का आज एडवांसेस-इन गणित के रूप में विस्तार हो चुका है। कार्यशाला में अनेक यूनिसिर्टी से 200 के लगभग प्रोफेसर्स, शोधार्थी सहित विद्यार्थियों की भागीदारी रही।RCET-National-Workshop RCET hosts National Seminar on Maths under TEQUIP-3सीएसवीटीयू की टेक्यूप-3 स्कीम के तहत स्पॉन्सर्ड इस कार्यशाला की अध्यक्षता समूह के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने की। प्रोग्राम कोऑडिर्नेटर डॉ. सुभाषचन्द्र श्रीवास्तव ने कार्यशाला की रूपरेखा पेश की। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता पं. रविवि रायपुर के पूर्व प्रोफेसर डॉ. बीके शर्मा ने एडवांसेस इन मैथेमेटिक्स की महत्ता को विस्तार से बताया। उन्होंने जानकारी दी कि गणित पर खोज बीस हजार साल पहले से चली आ रही है। गणित हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। अनेक उदाहरणों से उन्होंने पीएचडी रिसर्चर्स को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि हजारों साल पुराने एक जिवाश्म में पायी गयी लकीर से कहीं न कहीं गणित का जन्म हुआ, जो आज एडवांसेस-इन मैथमेटिक्स के रूप में विस्तार ले चुका है।
बीएचयू (बनारस) के प्रोफेसर डॉ. डीआर साहू ने कहा कि आईआईटी बीएचयू में जो मेथेमेटिक्स डिपार्टमेंट है उसका जो सिलेबस है वो इतना एडवांस है कि कैंपस सलेक्शन में सबसे उच्चतम पैकेज में इसी विभाग के छात्रों का ही चयन हो रहा है। उन्होंने युवाओं से कहा दूसरों की जय बोलने से पहले खुद की जय करना सीखें। इन्होंने फिक्स्ड पॉइंट थ्योरी को कंप्यूटेशनल के फॉर्म पर विस्तार से बताया और इनके एप्लिकेशन को विस्तार से समझाया, जो कि रिसर्च स्कॉलर और फैकल्टियों के लिए भविष्य में लाभर्प्रद होगा।
कार्यशाला में आईजीएनटीयू (अमरकंटक) से एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. वीएन मिश्रा ने अप्रोक्शीमेशन थ्योरी पर विस्तार से व्याख्यान दिए। वहीं डॉ. जीके गोस्वामी ने कास्मोलॉजी एवं ब्रह्मांड के ग्रहों पर विस्तार से जानकारी दी, वहीं इन्हें एडवांस मेथेमेटिक्स से मॉडलिंग के रूप में बताया। मध्यप्रदेश के सेंट्रल यूनिवर्सिटी से प्रो. डॉ. दीना सुनील ने भी शोधाथिर्यों को मार्गदर्शन दिया।
कार्यशाला में अनेक यूनिसिर्टी से 200 के लगभग प्रोफेसर्स, शोधार्थी सहित विद्यार्थियों की भागीदारी रही। जहां उन्होंने विषयगत शंकाओं का समाधान भी किया। प्रमुख कॉलेजों में साइंस कॉलेज दुर्ग, गल्स कॉलेज दुर्ग, कलिंगा यूनिवर्सिटी, रमन यूनिवर्सिटी, दुर्ग विश्वविद्यालय सहित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के गणित डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स, शोधार्थी शामिल थे।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से आरसीईटी के प्राचार्य डॉ. मोहन अवस्थी, वाइस प्रिंसिपल प्रो. श्रीकांत बुर्जे, प्राचार्य केडीआरसीएसटी रायपुर डॉ. वाईएम गुप्ता, आरसीईटी के कोऑडिर्नेटर टेक्यूप-थ्री डॉ. मनीषा अग्रवाल, डीन डॉ. मनोज वर्गीस का मार्गदर्शन रहा। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राबिया खान व आभार प्रदर्शन गणित विभाग डॉ. रेशमा केपी ने किया। आयोजन में प्रो. जितेंद्र मौर्या, प्रो. रूबी सेन, प्रो. पद्मजा, प्रो. आरके राठौर आदि का सहयोग रहा।

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