भिलाई-3। डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना बालिका इकाई द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर व्याख्यान, परिचर्चा, रैली आदि का आयोजन किया गया। वार्ड-13 के पार्षद राजेश दांडेकर आयोजन के मुख्य अतिथि थे। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नितिश दुबे विशिष्ट अतिथि थे। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अमृता कस्तूरे ने की। प्राचार्य डॉ. अमृता कस्तूरे ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया। आज हमें अपने संविधान निर्माता को याद करने की जरूरत है तथा उनके बताये गये नियमों पर अमल करने की जरूरत है।मुख्य अतिथि श्री दांडेकर ने महिला उत्थान की दिशा में डॉ अम्बेडकर के कार्यों का विवरण देते हुये बताया कि उन्होंने कर्मचारियों के लिए प्रसूति अवकाश की व्यवस्था दी, कार्य समय 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे किये, ट्रेड यूनियनों को मान्यता प्रदान की। हड़ताल का अधिकार दिया। रोजगार कार्यालयों की स्थापना की। भारतीय रिजर्व बैंक, भाखड़ा नांगल बांध, ओडिसा नदी परियोजना, सोन नदी घाटी परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना, श्रमिक कल्याण कोष की स्थापना की।
डॉ. केके अग्रवाल ने डॉ अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संघर्षों के साथ अध्ययन किया। वे एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री थे। वे चाहते थे कि देश के दलित वर्ग के लोग भी उन्नति प्राप्त करें। ऊंच नीच, भेदभाव समाप्त हो। इसके लिये उन्होंने संविधान में प्रावधान किया। उन्होंने भारतीय गणतंत्र को वास्तविक रूप से प्रजातंत्र बनाने का प्रयत्न किया। वे गोलमेज सम्मेलन में भी 1930 से 31 तक इसी बात को सामने रखा कि भारत के दलित वर्ग के लोगों को समानता का अधिकार प्रदान करे।
राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक बलराज ताम्रकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन परिचय व राजनीति संविधान निर्माण, दलित उत्थान व समाज निर्माण में उनकी भूमिका पर जानकारी विद्यार्थियों के साथ साझा किया।
मंच संचालन एनएसएस अधिकारी डॉ. अल्पना देशपांडे ने किया। डॉ. अल्पना देशपांडे ने संविधान निर्माण एवं सामाजिक प्रगति हेतु किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला।