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कोविड-19 की रोकथाम में रसायन व बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका पर अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार

Jun 16, 2020

International Webinar on COVIDभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में लाइफ विभाग द्वारा दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। प्रथम दिन महामारी कोविड की रोकथाम में रसायन शास्त्र की भूमिका विषय पर विषय-विशेषज्ञों, शिक्षक व शोधार्थी द्वारा विचार विमर्ष किया गया। कार्यक्रम के आयोजन के लिए श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आई. पी. मिश्रा, स्वरूपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा, श्री शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मोनीशा शर्मा ने सम-सामायिक विषयों पर वेबिनार के आयोजन की बधाई दी। संयोजक डॉ रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र ने कहा कि वुहान से निकले इस कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है। युवावर्ग और विद्यार्यी अधिक प्रभावित हुये हैं। इस हताशा के माहौल में विद्यार्थियों के अन्दर हो रहे कैमिकल इनबैंलेंस को बैलैंस करने का मार्ग दिखाना ही वेबिनार का मुख्य उद्देश्य है। कोविड 19 की भयावहता के साथ बचाव के तरीके भी विद्वतजन द्वारा साझा किये जायेगें।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि सामान्य व्यक्ति के दिमाग में कोरोना वायरस को लेकर भय व्याप्त है। लोगों को लगता है एक बार कोरोना हो जाये तो जिंदगी भर सावधानी से रहना होगा जबकि ऐसा नहीं है। ठीक होने के बाद व्यक्ति सामान्य जिंदगी जी सकता है। इस सकारात्मकता का लोगों मे प्रचार करना बहुत आवश्यक है।
सहायक कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने महाविद्यालय के प्रयास की सराहना की व कहा रसायन शास्त्र कोविड-19 के रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है सेनिटाईजर के निर्माण मास्क के निर्माण में कैमेस्ट्री की भूमिका अहम है। कोविड 19 के बारे में जानकारी दी व बताया यह आर.एन.ए. से बना हुआ यह जीवित व मृत के बीच का विषाणु है और सदैव से मानव में रोग का कारण बनता रहा है। वायरस का इलाज अत्यंत कठिन है। इसी क्रम में कोविड 19 की रोकधाम के लिए वैक्सीन बनाना आवश्यक है। अतः हम सब को इस दिषा में प्रयास करना चाहिये।
पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्य विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. डी.एन. शर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि मस्तिष्क कैमिकल्स का खजाना है। यहां न्यूरोट्रांसमीटर्स और हार्मोन्स का निर्माण होता है। उन्होंने फंक्शन ऑफ ब्रेन के बारे में बताते हुये कहा कि सेरोटोनिन हार्मोन खुशी प्रदान करने वाला हार्मोन है। इसी तरह डोपामाइन हार्मोन इंसान को एक्टिव बनाता है।
डॉ. पीयुष कांत पाण्डे प्रोफेसर एवं अध्यक्ष आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर ने बताया कि कोविड 19 के लिये चमगादड़ को दोषी माना जा रहा है परन्तु ऐसा नहीं है। हालांकि चमगादड़ में विभिन्न प्रकार के वायरस होते है लेकिन कोविड19 चमगादड़ में नहीं पाया गया। अतः टेस्ट के बिना चमगादड़ को मारना नहीं चाहिए। डॉ पाण्डे ने चमगादड़ के लाइफ सायकल की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ शशिरंगा गांधीनगर गुजरात ने बताया कि रसायन का उपयोग कर मास्क का निर्माण किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के सेनेटाईजर व कोविड19 संक्रमित व्यक्ति के टेस्ट व इलाज में क्या महत्वपूर्ण भूमिका है विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मास्क डेवलप करने के लिए डीएसटी ने विभिन्न प्रोजेक्ट दिये है जिनमें सिल्वर का उपयोग कर आर्टिफिशियल मास्क बनाये जा रहे है।
डॉ. एस. जगन्नाथ (असिस्टेंट रीसर्च ऑफिसर पाश्चर इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया, कोन्नोर द निलगिरिस) ने वेक्सीन फार कोविड19 पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कोविड19 के लिए बनने वाली विभिन्न प्रकारकी वैक्सीन जैसे डीएनए वैक्सीन किस प्रकार से बनाई जाती है तथा इनकी उपलब्धता के बारे में बताया डॉ जगन्ननाथ ने वैक्सीन निर्माण के टेक्नोलॉजी को विस्तृत रूप समझाया।
डॉ एम.जयालक्ष्मी ;डिपार्टमेंट आफ इम्युनोलॉजी, मदुराई कामराज युनिवर्सिटीद्ध ने डायग्नोस्टिक किट्स उनकी उपलब्धता कोरोना वायरस की जांच के लिए उत्कृष्ट डायग्नोस्टिक किट्स के प्रकार एवं गुणों के बारे में बताया। उन्होने सेनोलॉजीकल टेस्ट की महत्ता को समझाते हुए अनेक प्रकार की जांच जो कोविड-19 तथा अन्य रोगों के लिए की जाती है उसके बारे में बताया।
डॉ. रामसहाय राजेश कुमार, बायोटेक् एवं एग्रीकल्चर कालेज, झियांग विश्वविद्यालय, चीन ने न्यूक्लियर मेडिसिन उसके प्रकार तथा प्रभाव के बारे में समझाया। डॉ राम ने रेडियोफार्मास्युटिकल दवाइयों के बारे में बताया जिसका उपयोग अत्याधुनिक इलाज मे किया जाता है।
डॉ. सुनील कुमार साहू विजिटिंग प्रोफेसर स्टेट कीव लैबोरेटरी ऑफ एग्रीकल्चर जिनोमिक्स, चाइना ने कोविड पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने इस वायरस के इंफेक्शन उसका जीवन चक्र एवं वर्तमान की स्थिति में बायोटेक्नोलॉजी में इससे जुड़े नौकरी की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी।
संयोजक डॉ चेताली मैथ्यू सहायक प्राध्यापक बायोटेक्नोलॉजी ने दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेबीनार मे उभरे बिन्दुओं को प्रतिवेन के रूप में प्रस्तुत किया व उनकी उपादेयता पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माईक्रोबायोलाजी व धन्यवाद ज्ञापन सह-संयोजक डा. शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलॉजी ने किया। इस वेबिनार में 67 लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहा.प्रा. जिगर भवसार, डॉ सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी, सहा. प्राध्यापक दीपक सिंह, आदि की विशेष भूमिका रही।

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