भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक ऐसे शख्स को नया जीवन मिल गया है जिसके परिवार ने भी उम्मीदें छोड़ दी थीं। 52 वर्षीय इस मरीज को राजनांदगांव से यहां लाया गया था। जब मरीज को लाया गया, वह बेहोश था, उसकी पुतलियां सिकुड़ चुकी थीं और नब्ज भी गायब थी। उसे 12 दिन वेन्टीलेटर पर रखा गया। 20 दिन अस्पताल में रहने के बाद आखिर वह घर लौट गया।डॉ राजेश सिंघल ने बताया कि मरीज का संभवतः मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। उसने खेती किसानी में काम आने वाली दवा ऑर्गेनोफास्फोरस का अत्यधिक मात्रा में सेवन कर लिया था। जब तक उसे अस्पताल लाया गया उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी। हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे, आंखों की पुतलियां सिकुड़ चुकी थीं और नब्ज भी लगभग गायब थी। मरीज बेहोश था। हमारी टीम ने तत्परता के साथ इलाज प्रारंभ किया। मरीज को सीवियर सेप्टीसीमिया (रक्तविषण्णता) हो गया था। पर हमने हिम्मत नहीं हारी और इलाज जारी रखा।
12 दिन वेन्टीलेटर में रखने के बाद मरीज की सांसें लौट आई और नब्ज भी ठीक से चलने लगी। इसके बाद मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। 20 दिन बाद जब मरीज को छुट्टी दी गई तो उसके परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू थे। मरीज आज पुनः चेकअप के लिए सपरिवार अस्पताल आया। उनकी पत्नी और बेटी बार-बार हाइटेक के चिकित्सकों का धन्यवाद ज्ञापन करते रहे।