भिलाई। एमजे कालेज ने आज अपने एलुमनाई एसोसिएशन के साथ समवेत रूप से स्वर सम्राज्ञी भारत रत्न डॉ लता मंगेशकर जी को स्वरांजलि दी। पार्श्वगायन की पर्याय रहीं लता जी के बारे में कहा जाता है कि वे स्वयं माता सरस्वती का रूप थीं। रविवार को बसंतपंचमी के दूसरे दिन उन्होंने 92 वर्ष की उम्र में अंतिम सांसें लीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि लताजी जैसा न कोई हुआ है न कोई होगा। उनके गाए गीत न केवल हमारे बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के जेहन में जीवित रहेंगी। उन्होंने लता जी का प्रिय गीत गाकर उन्हें स्वरांजलि दी।
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस अवसर पर कहा कि लता जी ने अपने प्रारंभिक गायन में संगीत की जिन ऊंचाइयों को छुआ और जो मापदण्ड तय किये, उससे कभी विचलित नहीं हुईं। न तो उससे बेहतर कुछ हो सकता था और न ही वे इससे नीचे आ सकती थीं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के एलुमनाई सदस्य संचित सक्सेना, आराधना तिवारी, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष श्वेता भाटिया, सहायक प्राध्यापक ममता एस राहुल, पीएम अवंतिका, रजनी कुमारी, काजोल दत्ता, गिरिजा शंकर, अमिता बिसारे, दीपक रंजन दास ने भी लताजी के गाए गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी ने किया। राजकीय शोक के मद्देनजर कार्यक्रम को सादगी के साथ सम्पन्न किया गया। गीतों में संगीत का प्रयोग नहीं किया गया।