दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वुमेन सेल के तत्वाधान में “गुरू संग गोठ” का आयोजन किया गया। प्रभारी प्राध्यापक डॉ. रेशमा लाकेश ने बताया कि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के बीच हुआ यह संवाद वर्तमान जीवन शैली – युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी विषय पर केन्द्रित था।
महाविद्यालय के प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन शैली की जटिलता ने भावनाओं और दृष्टिकोण को भी जटिल बनाया है। हमारी सोच का दायरा बढ़ा है। शिक्षा, पुस्तकों, इंटरनेटसे विचार क्षमता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अतीत में लोगों का दृष्टिकोण अधिक शांतिपूर्ण एवं सरल रहा है। क्योंकि उनके पास कोई जटिल आर्थिक, सामाजिक समस्या नहीं थी। जीवन शैली में बदलाव ने शिक्षा, रहन-सहन खान-पान को भी प्रभावित किया है।
गृहविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता सहगल ने आहार एवं पोषण के जीवन-शैली में प्रभाव पर विचार रखे तो समाजशास्त्र की प्राध्यापक डॉ. मोनिया राकेश ने सामाजिक दायित्वों के प्रभाव को रेखांकित किया।
एमए समाजशास्त्र की जया यादव ने युवापीढ़ी के दायित्वों तथा गरिमा गंगबेर ने शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की।
नृत्य विभाग की प्राध्यापक डॉ ऋचा ठाकुर ने शारीरिक अभ्यास एवं नृत्य पर रोचक जानकारी दी। डॉ. आरती गुप्ता ने योग का जीवन-शैली में प्रभाव को विस्तार से समझाया। नृत्य की छात्रा शारदा, काजल एवं दीपा ने भारतनाट्यम की आधार मुद्राओं का प्रदर्शन किया जिसे सभी ने सराहा। डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल, मधु पाण्डेय ने भी संवाद में हिस्सा लिया।
छात्राओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब शिक्षकों ने दिया। वुमेन सेल की सुषमा यादव, लता मेश्राम, ज्योति भरणे ने भी सहयोग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी।