दुर्ग। शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के क्रीड़ा विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में शार्ट टर्म कोर्स -‘महिलाओं के स्वास्थ्य हेतु योग’ के 30 घण्टे का प्रमाण पत्र कोर्स के तेरहवें दिन डाॅ. मंजू झा, संचालक मृत्युंजय योगा सेंटर ने अपना व्याख्यान दिया एवं योग आसनों का प्रदर्शन किया। डाॅ. मंजू झा का विषय था महिलाओं के प्रजननतंत्र को स्वस्थ कैसे रखे एवं पीसीओडी एवं पीएमएस समस्याओं को योग के माध्यम से कैसे दूर करें। डाॅ. झा ने कहा आधुनिक युग के अनियमित दिनचर्या, शारीरिक गतिविधियों का कम होना एवं तनाव-अवसाद के कारण महिलाओं में पाॅलिसिस्टिक ओवेरियन बीमारी बढ़ रही हैं। इनसे पीड़ित महिलाओं के लिये योग रामबाणऔषधि है। नियमित योग से महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स कम होता है। इसके बैलेंस होने पर पीसीओडी, पीएमएस हाॅर्मोनल इम्बैलेन्स नियंत्रित होता है और महिलाओं के प्रजनन तंत्र स्वस्थ रहते है। साथ ही वो शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहती हैं।
डाॅ. झा ने ओवरी, गर्भाशय की संरचना को छात्राओं को समझाते हुए बताया कि योग आसन द्वारा कैसे ये प्रभावित होकर स्वस्थ होती है और उन्होंने कहा कि सभी को अपनी दिनचर्या नियमित रखनी चाहिए। स्वस्थ खान-पान, समय पर सोना एवं समय पर उठना जरूरी है। उन्होने बताया कि हमारे शरीर के ऊपरी अंगो में ही नहीं अंदरूनी अंगों में भी चर्बी का जमाव होता है, योग के माध्यम से ये घटती है। प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखने एवं उसकी क्षमता को विकसित करने के लिए आसनों का प्रदर्शन कर उसके लाभ बताये। इनमें मूलबंध, गौमुख आसन, भुजंग आसन, ज्ञानुनमन, कंद्रासन, ताड़ासन, सर्वांगासन, विपरीत कर्णी आसन, उदराकर्णासन एवं अन्य आसनों, प्राणायाम, बंध पर जोर दिया और उन्होने कहा कि बंध के माध्यम से हम अंदरूनी शिथिल अंगों को पुनः मजबूत कर सकते है।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. ऋतु दुबे, क्रीड़ाधिकारी ने किया। डाॅ. ऋचा ठाकुर, डाॅ. सुचित्रा खोब्रागड़े, डाॅ. मुक्ता बाखला सहित प्रतिभागी छात्रायें उपस्थित थी। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन डाॅ. यशेश्वरी ध्रुव, कार्यक्रम अधिकारी, रासेयो ने किया।