नई दिल्ली। आने वाले 25 साल स्कूली शिक्षा को भविष्योन्मुखी बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए केन्द्र पीएम श्री स्कूल खोलने की योजना बना रही है। यह मॉडल स्कूल होंगे जो वस्तुतः नई शिक्षा नीति की प्रयोगशाला होंगे। उक्त जानकारी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुई साझा की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाना है। हम नई पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान और कौशल से वंचित नहीं कर सकते. इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. उन्होंने पीएम श्री स्कूलों के रूप में एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और पूरे एजुकेशनल इकोसिस्टम से सुझाव और फीडबैक देने के लिए भी कहा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं. कोई भी भाषा हिंदी या अंग्रेजी से कम नहीं है. राष्ट्रीय एजुकेशन पॉलिसी का यही सबसे प्रमुख फीचर है. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने प्री-स्कूल से सेकेंडरी स्कूल तक 5+3+3+4 अप्रोच अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि 21वी सदी के ग्लोबल सिटिजन तैयार करने के लिए टीचर्स ट्रेनिंग, एडल्ट एजुकेशन, स्कूली पढ़ाई में स्किल डेवलपमेंट को शामिल करने और मातृभाषा में पढ़ाई को तवज्जो देने की खासी भूमिका रहने वाली है.