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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता

Aug 19, 2022
Adivasi Diwas at SSSSMV

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग ने आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में किया। ‘संरक्षण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका और पारंपरिक ज्ञान का प्रसारण’ पर लेखन किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष सूक्ष्म जीवविज्ञान ने कहा कि आदिवासी महिलाएँ हमारी प्राचीन परंपराओं को निभाते हुए प्रकृति को दोहन से बचाने और उसके संरक्षण का कार्य सदियों से कर रही है, उन्हे वैश्विक पहल पर उभारना हमारी जिम्मेदारी है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ दीपक शर्मा ने कहा कि आदिवासी महिलाएँ आदिवासी समुदाय की रीढ़ की हड्डी है। वे पारंपरिक पैतृक ज्ञान को संरक्षित कर उसके प्रसारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः उन्हें सम्मानित कर उनसे परंपरागत ज्ञान का विकास करना चाहिए।
महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ हंसा शुक्ला ने कहा कि आदिवासी सदियों से अपनी कला, जीवनशैली, वेशभूषा और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हुए जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर प्रकृति को सहेजती है इसलिए उनकी भूमिका को वैश्विक स्तर पर लाना हमारा प्रयास होगा।
योगिता लोखंडे सप्रा सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग ने अपने निबंध में उल्लेख किया कि आदिवासी महिलाएँ संस्कृति, पारंपरिक वेषभूशा व आहार के रुप में सांस्कृतिक मूल्यों को भावी पीढ़ियों तक पहँुचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बीकाॅम तृतीय वर्श की छात्रा अलफिजा खान ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओ से हमको भाशा, संस्कृति और परंपराओं की जानकारी होती है। एमकाॅम की छात्रा इशा अलती ने कहा कि महिलाओं को अध्यात्म, त्याग, षक्ति व साहस का प्रतीक माना जाता है ये पारंपरिक पैतृक ज्ञान के सरंक्षण और प्रसारण में महत्वपूर्ण योगदान देेती है।
छात्र-छात्राओं ने इस विशय पर अपने विचार लेखित किये जिनमें उन्होंने आदिवासी महिलाओं की भूमिका को दर्षाया।
लेखन प्रतियोगिता में प्रथम बीकाॅम तृतीय वर्श की अलफिजा खान, द्वितीय एमकाॅम तृतीय की इषा आलती और एसएससी सूक्ष्म जीवविज्ञान तृतीय सेमेस्टर की सृश्टि सोनी व तृतीय स्थान पर बीबीए त्तीय सेमेस्टर की तेजल महिश्कार एवं एमएससी सूक्ष्मजीव विज्ञान तृतीय सेमेस्टर की रुपाली साहू रही। सद्भावना पुरस्कार बीकाॅम तृतीय की निवेदिता पाटिल और एमएससी सूक्ष्म जीवविज्ञान तृतीय सेमेस्टर की जीनत अंजुम रहें।
सप्रा योगिता लोखंडे लेखन में सर्वश्रेष्ठ रही। निर्णायक डाॅ. व्ही. सुजाता, प्राचार्या जगतगुरु शंकराचार्य काॅलेज एवं संयुक्ता पाढ़ी सप्रा अंग्रेजी थी।

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