भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन अभिनव तरीके से किया गया। हिंदी के प्रति लगाव उत्पन्न करने व हिंदी के वर्णों के सही उच्चारण व लिपि के शुद्ध रूप से परिचित कराने हेतु हिंदी वर्णमाला की हाउज़ी खेल विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के लिए आयोजित किया गया। विभाग द्वारा आयोजित हिंदी दिवस में विभिन्न विभाग के विभागाध्यक्ष व प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने हिस्सा ले इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ जे. दुर्गा प्रसाद राव ने विभाग के इस इनोवेटिव कार्य की सराहना करते हुए कहा कि हिंदी को नीरस ना समझे बल्कि खुद के प्रयासों से इसमें रस ढूंढने की कोशिश करें क्योंकि हिंदी साहित्य केवल भारत में नही बल्कि विश्व में अपने साहित्य के लिए प्रसिद्ध व आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
महाविद्यालय की उपप्राचार्य व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना झा ने कहा कि हमें हर वर्ष हिंदी की दुर्दशा का रोना नहीं रोना चाहिए क्योंकि अब स्थिति बदल रही है अब हमें हिंदी भाषा की दिशा और दशा को विश्व पटल में किस रूप में है इससे परिचित होना है और जो हिंदी को कमतर समझते हैं उन्हें हिंदी साहित्य की विशालता, तकनीकी क्षमता व विष्व पटल में हिंदी की स्थिति से अवगत कराना प्रत्येक भारतवासी का नैतिक कर्तव्य बनता है।
हाउज़ी खेल से संबंधित समस्त सामग्री को हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों हीना नाग, ललिता साहू, किरण साहू, डेविड राजू द्वारा हिंदी विभागाध्यक्ष व उपप्राचार्य डॉ अर्चना झा के नेतृत्व में महाविद्यालय में ही बनाई गई। इस कार्यक्रम में बीए द्वितीय वर्ष के कृष्ण प्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए तथा बीए द्वितीय वर्ष की प्रियंका साहू ने कविता पाठ किया।