एमजे कालेज में छात्राओं को डाउनलोड कराया ‘अभिव्यक्ति’ ऐप, यातायात सुरक्षा के लिए डीएसपी ने दिए टिप्स
भिलाई। जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि कम उम्र के बच्चों को महंगी हाई परफार्मेंस बाइक खरीदकर देना, अपने हाथों से उनका डेथ वारंट साइन करने जैसा है. सड़क हादसों में केवल जान ही नहीं जाती बल्कि कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि जीवन एक बोझ बन जाए. उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर क्राइम के प्रति आगाह करते हुए कहा कि अनजान वीडियो काल्स को आंसर न करें, अज्ञात स्रोतों से आने वाले लिंक को क्लिक न करें, 10 से अधिक नंबर से आने वाले कॉल्स न उठाएं.
डॉ अभिषेक पल्लव आज एमजे कालेज में आयोजित साइबर सुरक्षा, यातायात सुरक्षा तथा ‘अभव्यक्ति’ ऐप डाउनलोड करवाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कम उम्र के बच्चे आज बेतहाशा स्पीड में बाइक दौड़ा रहे हैं जिससे दूसरों के साथ-साथ उनका अपना जीवन भी संकट में है. नशे की हालत में भी लोग दुपहिया और चार पहिया चला रहे हैं. बाइक पर दो से ज्यादा लोगों को बैठाना, दुपहिया में हेलमेट नहीं लगाना, चार पहिया गाड़ी में सीट बेल्ट का प्रयोग न करना भी खतरों को निमंत्रण देता है.
साइबर क्राइम के प्रति विद्यार्थियों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि अपने फोन पर किसी भी तरह की निजी या गोपनीय सामग्री न रखें क्योंकि हैकर उसे उड़ा सकते हैं. अनजान लोगों के वीडियो कॉल रिसीव न करें क्योंकि इससे वो आपकी वीडियो क्लिप रिकार्ड कर सकता है जिसमें छेड़छाड़ कर वह आपत्तिजनक सामग्री तैयार कर सकता है. इसी तरह पेमेन्ट के लिए एक ही ऐप का इस्तेमाल करें. 100-50 की लालच में नए-नए ऐप इंस्टॉल न करें. केवल उन्हीं ऐप्स को डाउनलोड और इंस्टॉल करें जिन्हें कम से एक लाख लोग यूज कर रहे हों.
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में तीनों महाविद्यालयों के प्राचार्य क्रमशः डॉ अनिल कुमार चौबे, डैनियल तमिलसेलवन एवं डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी, शिक्षा संकाय तथा आईक्यूएसी प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया के अलावा सभी विभागों के एचओडी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे. विद्यार्थियों ने इस अवसर पर प्रश्न भी पूछे जिसका उत्तर विशेषज्ञों ने दिया.
सीएसपी शहर निखिल रखेचा (आईपीएस-प्रोबेशन) ने कहा कि टेक्नोलॉजी के नए दौर पर लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. जरा सी चूक बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है. उन्होंने कहा कि पुलिस आपकी मदद के लिए है. आप चैन से रहें, सुरक्षित रहें, इसके लिए पुलिस अपना दिन रात एक कर देती है. जब आप त्यौहार मना रहे होते हो, तब भी पुलिस ड्यूटी कर रही होती है.
इससे पहले रक्षा टीम की प्रभारी सी तिर्की ने कहा कि छात्राएं सोशल मीडिया पर बायफ्रेंड बना रही हैं और भावुकता के क्षणों में उनके साथ बेहद निजी और अंतरंग तस्वीरें शेयर कर रही हैं. ऐसी सामग्री का उपयोग बाद में लड़कियों को ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है. ऐसा होने पर लड़कियां भयंकर मानसिक त्रासदी से गुजरती हैं और उनका जीवन सामान्य नहीं रह जाता. उन्होंने छात्राओं को किसी के साथ भी ऐसी अंतरंग तस्वीरें साझा नहीं करने की समझाइश दी.
ट्रैफिक डीएसपी सतीष कुमार ठाकुर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस के बारे में आम धारणा यह है कि वह केवल वसूली करने के लिए खड़ी होती है. यह सच नहीं है. ट्रैफिक पुलिस के जवान दिन भार, धूप, बारिश, सर्दी में केवल इसलिए सड़क पर बने रहते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं को रोका या कम किया जा सके. प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों, अपंगता, आदि का उल्लेख करते हुए उन्होंने यातायात नियमों के बारे में विस्तार से बताया.
आरंभ में स्मृति नगर चौकी की महिला डेस्क प्रभारी नम्रता सिंह ने सभी छात्राओं से ‘अभिव्यक्ति’ ऐप को डाउनलोड करवाया तथा उसे उपयोग में लाने का तरीका भी सिखाया. उन्होंने बताया कि इस ऐप के जरिए एक क्लिक पर पुलिस और परिवार वालों तक सूचना पहुंचाई जा सकती है, मदद हासिल की जा सकती है.
प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने पुलिस की पूरी टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह युवा विद्यार्थियों के साथ साथ सभी के लिए काफी उपयोगी था. उन्होंने विद्यार्थियों से भी कहा कि पुलिस के नाम पर डर लगे, इसमे कोई बुराई नहीं है. डर होना चाहिए पर संकोच नहीं होना चाहिए. जरूरत पड़ने पर पुलिस के पास जाना चाहिए तथा उसकी मदद लेनी चाहिए. खुद मुख्तार बनना अनेक दुश्वारियों का कारण बन सकता है. कार्यक्रम का संचालन फार्मेसी कालेज के राहुल सिंह, एमजे कालेज के दीपक रंजन दास एवं कम्प्यूटर साइंस की विभागाध्यक्ष पीएम अवंतिका ने संयुक्त रूप से किया.