भिलाई. निमोनिया के नाम से ही अब लोगों में दहशत होने लगी है. कोविड संक्रमण के दौर में लोगों ने लाखों को लोगों को निमोनिया के चलते कालकवलित होते देखा है. आम तौर पर बुखार को इसका लक्षण माना जाता है पर इसके कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं. पल्स ऑक्सीमीटर निमोनिया की स्थिति बताने का एक प्रारंभिक और सरल जरिया हो सकता है. उक्त बातें हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के डॉ राजेश सिंघल ने कहीं.डॉ सिंघल ने बताया कि 2009 से प्रति वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया Pneumonia दिवस मनाया जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, साल 2019 में 7,40,180 बच्चों की मौत निमोनिया के कारण हो गई थी. निमोनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. यह बीमारी वायरस, बैक्टीरिया और फंगी तीनों के कारण हो सकती है. सीडीसी के मुताबिक, ओमिक्रॉन का वायरस SARS-CoV-2, इंफ्लूएंजा और आरएसवी वायरस भी निमोनिया होने का कारण बन सकते हैं.
डॉ सिंघल ने बताया कि निमोनिया के कारणों पर ही इसका लक्षण निर्भर करता है. शरीर का ठंडा होना भी निमोनिया का संकेत हो सकता है. 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में सामान्य से कम शारीरिक तापमान भी निमोनिया का लक्षण हो सकता है.
नवजात और छोटे बच्चों में कभी-कभी निमोनिया का कोई स्पष्ट संकेत दिखाई नहीं देता. पर इसकी वजह से उल्टी आना, बुखार, खांसी, थकावट और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं आ सकती हैं.
निमोनिया एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है. इस इंफेक्शन में एक या दोनों फेफड़ों में पस या तरल भर जाता है, जिसमें सांस इकट्ठा होती है. इसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इसके अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं जैसे होंठ या उंगली के नाखून नीले पड़ना, हल्का या मध्यम बुखार, खांसी के साथ हरा, पीला या खूनी बलगम आना, भूख ना लगना, पसीना आना, एनर्जी की कमी, सांस फूलना, नब्ज तेज होना, ठंड लगना या ठिठुरन, छाती में चुभन होना आदि. वायरल निमोनिया में सिरदर्द, गंभीर रूप से सांस फूलना,
मसल्स में दर्द, कमजोरी, खांसी बिगड़ जाना, आदि.
कैसे होती है जांच : निमोनिया की जांच करने के लिए आपका डाक्टर आपको चेस्ट-एक्सरे, ब्लड टेस्ट, बलगम की जांच, चेस्ट सीटी स्कैन, ब्रॉन्कोस्कोपी आदि के लिए कह सकता है. घर पर आप पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग कर फेफड़ों की स्थिति जांच सकते हैं. यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो रहा है तो तत्काल अस्पताल से संपर्क करना चाहिए.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, निमोनिया की रोकथाम (Pneumonia Prevention) की जा सकती है. जिसके लिए आप बच्चों में वैक्सीन लगवाना, हाथों की साफ-सफाई रखना, वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहिए. नेचरल इम्यूनिटी इसके खिलाफ सबसे ताकतवर उपाय है.