भिलाई. जगद्गुरू शंकराचार्य कालेज ऑफ एजुकेशन के आईक्यूएसी के तत्वाधान में महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ. व्ही. सुजाता के निर्देशन में विद्यालयीन छात्र-छात्रों को ई-कचरा से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की जानकारी प्रदान की गई. महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्राध्यापकों ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुपेला एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रूआबांधा के विद्यार्थियों को ई कचरा के दुष्परिणामों से अवगत कराया.
बी.एड. प्रशिक्षार्थी विद्या मंडल द्वारा बताया गया कि कम्प्यूटर, मोबाइल, प्रिंटर, रेफ्रिजिरेटर आदि इलेक्ट्रानिक उपकरण खराब हो जाने पर उपयोग में नहीं लाये जाते है और ई-कचरा बन जाते हैं. ये मरकरी, आर्सेनिक, बेरीलियम आदि तत्वों से बने होते है जो पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए अति द्यातक होते है. बी.एड. के भुनेश्वर ने बताया कि ई कचरे को जलाने पर विषाक्त गैंसे कार्बनडाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन आदि उत्पन्न होती है जो वायुमंडल, ओजोन परत के लिए हानिकारक होती है उनके प्रभाव से मानव का शारीरिक स्वास्थ्य, प्रतिरोधक क्षमता हार्मोन असंतुलन, कैंसर आदि बीमारियाँ होती है. बी.एड. प्रशिक्षार्थी राकेश ने बताया कि किस तरह से ई कचरे को नष्ट एवं पुनः उपयोग किया जाना चाहिए ताकि प्रदूषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न न हो सके. संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन बी.एड. प्रशिक्षार्थी हरीश चंदेल द्वारा किया गया. सुपेला विद्यालय की प्राचार्या ने प्रशिक्षार्थियों के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी. कार्यक्रम की प्रभारी सहायक प्राध्यापक राधा देवी मिश्रा एवं सहायक प्राध्यापक अमिता जैन थी.