भिलाई। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए आईआईटी भिलाई ने एक डिवाइस विकसित की है. मरीज को बस इसे त्वचा पर चिपकाना होगा. यह रक्त शर्करा की रियल टाइम मानिटरिंग करेगा और जरूरत के अनुसार इंसुलिन इंजेक्ट करता रहेगा. इसकी सुई स्टील की बजाय चावल के स्टार्च से बनी होगी. 20 चूहों पर किए गए 4 प्रयोग सफल रहे हैं. इंसानों में इसकी उपयोगिता की जांच हो रही है. जल्द ही इसका पेटेंट करवाया जाएगा.
आईआईटी भिलाई के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुचेतन पाल एवं उनकी टीम ने इस स्मार्ट इंसुलिन डिवाइस को बनाया है. डॉ सुचेतन पाल को 2019 में हरगोविंद खुराना इनोवेटिव यंग बायोटेक्नोलॉजिस्ट अवार्ड मिल चुका है. उनकी टीम में मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय दुर्योधन और एक स्टूडेंट अकबर अली शामिल है. इस डिवाइस का नाम माइक्रो निटसुलिन रखा गया है. माइक्रो निटसुलिन मात्र 100 रुपए में बाजार में उपलब्ध होगा. एक पैच का उपयोग दो से तीन बार होगा.
इस रिसर्च के लिए भारत सरकार साइंस एंड इंजीनियरिंग बोर्ड के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी से 27 लाख रुपए मिले हैं. जल्द ही इसका पेटेंट करवाया जाएगा.
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