अण्डा, दुर्ग. शैलदेवी महाविद्यालय में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता शैलदेवी महाविद्यालय के अध्यक्ष राजन कुमार दुबे ने की. उद्घाटन सह-संचालक डॉ. रजनी रॉय ने किया. इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम बालिकाओं के निजी एवम् सामाजिक जीवन पर आधारित था.
भारत में बालिकाओं के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट) द्वारा की गई थी. महाविद्यालय की छात्राओं ने अपने अपने वक्तव्यों के माध्यम से अपने विचारों को सार्थक और सार्वभौमिक रूप से प्रस्तुत किया. बालिकाओं को उनके अधिकार, कर्तव्य और आत्मसम्मान के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्मनिर्भर और अहम दर्जा देना इस दिवस का उद्देश्य है. समाज में बालिकाओं में असमानता के भाव को मिटाना व लोगों के बीच जागरुकता को बढ़ाना इस दिवस का मुख्य लक्ष्य है. बालिकाओं के साथ भेद-भाव एक बड़ी समस्या है जो कई क्षेत्रों में फैला है जैसे शिक्षा में असमानता, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सीय देख-रेख, सुरक्षा, सम्मान, बाल विवाह इत्यादि. भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के रुप में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत हुई. बालिकाओं की उन्नति के महत्व के बारे में पूरे देश के लोगों के बीच ये मिशन जागरुकता को बढ़ाता है. यह दूसरे सामुदायिक सदस्यों और माता-पिता के प्रभावकारी समर्थन के द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में बालिकाओं के सार्थक योगदान को बढ़ाता है.