रायपुर. छत्तीसगढ़ के किसान मध्यप्रदेश के किसानों से ज्यादा सुखी हैं. छत्तीसगढ़ में न केवल कृषि कार्यों से प्रतिमाह औसत कमाई 9667 रुपए बल्कि प्रति व्यक्ति कर्ज भी 21.44 हजार है. मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति कर्ज 74.42 हजार है जबकि कमाई 8339 रुपए प्रतिमाह है. ये आंकड़े 2017 से 2021 के बीच जुटाए गए हैं. छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी और वैकल्पिक रोजगार के साधन से स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है.
देश में कृषि कार्यों से सर्वाधिक कमाई मेघालय की है. यहां प्रति किसान प्रतिमाह आमदनी 29 हजार के करीब है. इसके बाद पंजाब (26.7 हजार), हरियाणा (22.84 हजार), राजस्थान (12.52 हजार), आदि राज्य आते हैं. छत्तीसगढ़ 24वें स्थान पर है. मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, झारखण्ड सबसे कम कृषि आय वाले राज्यों में आते हैं.
जिन राज्यों में किसानों की कमाई अधिक है, उनपर कर्ज भी ज्यादा है. पंजाब में औसतन प्रति किसान परिवार 2.03 लाख रुपए कर्ज है. इसी तरह हरियाणा के किसान परिवारों पर औसतन एक लाख 82 हजार राजस्थान के किसान परिवारों पर एक लाख 13 हजार, मध्यप्रदेश किसानों पर 74.42 हजार, बिहार के किसानों पर 23.53 हजार, छत्तीसगढ़ के किसानों पर 21.44 हजार और झारखंड के किसानों पर औसतन 8.41 हजार रुपए कर्ज है.
कमाई की बात करें तो पंजाब में प्रति परिवार मासिक औसतन 26700, हरियाणा में 22841, राजस्थान में 12520, छत्तीसगढ़ में 9667, मध्यप्रदेश में 8339, बिहार में 7542 तथा सबसे कम झारखंड में 4895 रुपए प्रति माह औसत आय है. सबसे बुरी स्थिती मध्यप्रदेश की है जहां किसानों पर औसतन 74 हजार रुपए का कर्ज है पर आमदनी महज 8339 रुपए है.
केन्द्र सरकार ने पिछले 15 सालों में किसानों की कर्जमाफी की कोई योजना नहीं बनाई जबकि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने सत्ता संभालते ही पहले दिन से किसानों की कर्जमाफी शुरू कर दी. चार साल में प्रदेश के 17 लाख 82 हजार किसानों का 9270 करोड़ का कर्ज माफ किया गया है. खास बात यह है कि इन चार वर्षों में 325 करोड़ रुपए के सिंचाई कर की माफी भी की गई है। यही नहीं, निजी कंपनियों द्वारा 1707 किसानों की अधिगृहीत 42 सौ एकड़ जमीन उन्हें वापस करवाई गई है.