दुर्ग. शासकीय डाॅ वावा पाटणकर स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में यूथ रेडक्राॅस के तत्वाधान में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर जागरूकता पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षण, उपचार एवं बचाव की जानकारी दी गई. प्रभारी प्राध्यापक डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि जब शरीर की कोशिकायें अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं तो उसे कैंसर कहा जाता है, नियमित जाँच और चिकित्सीय परामर्श से कैंसर का शुरूआती स्तर पर पता लगाया जा सकता है और इलाज संभव है.
प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने उद्बोधन में कैंसर के इलाज की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टाॅरगेट थेरेपी एवं हाॅर्मोन थेरेपी जैसी नवीनतम चिकित्सा का प्रयोग कैंसर के प्रकार और स्टेज के आधार पर किया जाता है.
यूथ रेडक्राॅस वालिंटियर महक परवीन ने कैंसर के विभिन्न प्रकार बताये, मनीषा धृतलहरे ने लक्षणों की जानकारी दी.
डाॅ. तोशीना तेलंग ने रेडियेशन थेरेपी के उपयोग के बारे में बताया कि यह एडवांस स्टेज में कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए, कैंसर के प्राथमिक उपचार के रूप में किया जाता है. डाॅ. प्रिया मेहरा ने महिलाओं में होने वाले स्तन एवं सरविक्स कैंसर की जानकारी दी तथा इनके प्रति सतर्क एवं जागरूक रहने की आवश्यकता को बताया.
आहार विशेषज्ञ डाॅ. रिमशा लाकेश ने कहा कि भारत में पुरूषों में फेफड़े और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सर्वाधिक होता है. परन्तु जीवन शैली, खानपान में सुधार, उचित व्यायाम आदि इसके बचाव के कारगार उपाय है. शोधार्थी तबस्सुम ने कहा कि डिब्बा बन्द भोजन, रूम फ्रेशनर, डाई आदि में उपस्थित केमीकल भी कैंसर का कारण बन सकते हैं.
लुबना खान ने बताया कि शरीर में होनेवाले बदलावों को जैसे, अत्यधिक थकान, बार-बार बुखारआना, लगातार दर्द का बना रहना एवं नियमित दिनचर्या में बिना किसी बदलाव के वजन में कमी कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते है. छात्राओं ने प्रश्नों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की.
कार्यक्रम का संचालन शबीना एवंआभार प्रदर्शन उर्वशी निषाद ने किया.