भिलाई। जगद्गुरु शंकराचार्य कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन के आतंरिक गुणवक्ता प्रकोष्ठ (आई.क्यू.ए.सी ) एवं आर्ट ऑफ़ लिविंग भिलाई के संयुक्त तत्वाधान में श्री चौहान एवं श्रीमती चौहान ने महाविद्यालय में योगा एवं मैडिटेशन पर एक शानदार कार्यशाला का आयोजन किया। श्रीमती चौहान ने बताया की मनुष्य तीन प्रकार के भोजन ग्रहण करते हैं -राजसिक, तामसिक, सात्विक. स्वस्थ्य रहने के लिए सात्विक भोजन एवं आठ घंटे की नींद पूरी करना जरूरी है.शरीरिक एवं मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए योगा एवं मैडिटेशन अवश्य करना चाहिए. आपने खेल के माध्यम से योगा सिखाया जिसे सभी ने बहुत आनंद पूर्वक सीखा.तत्पश्चात श्री चौहान ने मानसिक स्वास्थ्य, चिंता, तनाव, अवसाद , अशांति आदि समस्याओं को कम करने हेतु मैडिटेशन करने की सलाह दी. मैडिटेशन आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता हैं,साथ ही ध्यान केंद्रित करने में मदद करता हैं एवं मन को प्रसन्न रखता हैं अतः हम सभी को दिन में एक बार सही समय पर योगा एवं मैडिटेशन अवश्य करना चाहिए. कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षकों द्वारा कई जिज्ञासाएं प्रस्तुत की जिनका सहज़ समाधान श्री चौहान जी ने दिया. महाविद्यालय की सी.ओ.ओ. डॉ. मोनिशा शर्मा ने कहा की शिक्षकों के उत्तरदायित्वों के निर्वाहन एवं परिश्रम पूर्ण कार्यों को सफलता पूर्वक करने में योग एवं मैडिटेशन अवश्य ही फायदेमंद होंगे अतः आप सभी इन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाये. प्राचार्या डॉ. व्ही. सुजाता जी ने कहा की योग एवं मैडिटेशन सकरात्मकता, प्रसन्नता, धैर्य, एकाग्रता आदि गुणों में इजाफा तो करते ही हैं साथ हमारी शरीरिक समस्यायों को कम करते हैं. आई.क्यू.ए.सी प्रभारी श्रीमती मधुमिता सरकार ने आभार प्रदर्शन किया. समस्त स्टॉफ ने योगा मैडिटेशन का भरपूर आनंद लिया.