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स्वरूपानंद महाविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी की राष्ट्रीय कार्यशाला

Mar 23, 2023
Micro Biology workshop in SSSSMV

भिलाई। स्वरूपानंद महाविद्यालय के माइक्रोबायोलाजी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला ”बॉयो-इंस्टूमेन्टेशन एवं नई डिजिटल माइक्रोस्कोपी“ का उद्द्याटन डॉ. ए. एम. देशमुख, अध्यक्ष, एमबी.एस.आई ने किया, उन्होंने कहा कि आज के समय में छात्रों को नवीन उपकरणों की जानकारी के लिये इस तरह की कार्यशाला बहुत आवश्यकता है। डिजिटल माइक्रोस्कोपी आज के युग की आवश्यकता है एवं छात्र इसको सीखकर लाभान्वित होगे। प्रथम दिन दो अतिथी व्याख्यान के साथ प्रायोगिक कार्यशाला आयोजित की गई। डॉ. भावना पांडेय, विभागाध्यक्ष सूक्ष्मजीवविज्ञान और बॉयोटेक्नॉलाजी, भिलाई महिला महाविद्यालय ने फरमेन्टर के बारे में विस्तार से बताया एवं छात्रों को उसकी उपयोगिता की जानकारी दी। श्रीमती भूमिका शर्मा ने ब्लास्ट टेक्नॉलाजी के बारे में बताया और कैसे उसका उपयोग न्युक्लयोटाइक एवं प्रोटीन सीक्वेन्स के डाटाबेस की जानकारी के लिये किया जाता है कि विस्तृत जानकारी दी। एमसीबीआई के माध्यम से ब्लास्ट का प्रायोग कराया गया। श्री माधव आर्या- मेड प्राइम टेक्नॉलॉजी ने डिजिटल माइक्रोस्कोपी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि चार बायोमेडिकल इंजीनियर्स, आईआईटी मुम्बई ने इसे बनाया और इसका स्टार्ट अप किया। डिजिटल माइक्रोस्कोपी की आवश्यकता इसीलिये है क्योंकि भारत में जनसंख्या के आधार पर पैथोलॉजिस्ट एवं माइक्रोबायोलॉजिस्ट कम है। दूरस्थ क्षेत्रों में बैठे लोगों को भी इससे जोड़ा जा सकता है और सेकंड ओपिनियन ली जा सकती है और समय की बचत भी होती है। छात्रों को उन्होंने विभिन्न प्रकार की माइक्रोस्कोपी के बारे में विस्तार से बताया। ट्वीट टेक्नोलॉजी के बारे में बताते हुये कि इसके माध्यम से हम सौ प्रतिशत आई पीस इमेज की फोटोग्राफी कर सकते है एवं हमे दूरस्थ बैठे लोगों को डाटा शेयरिंग के माध्यम से दिखा सकते है।
विभागाध्यक्ष डॉ. शमा अफरोज बेग ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों को सूक्ष्म जीव विज्ञान में उपयोग किये जाने वाली नवीन इंस्टूमेन्टस के बारे में जानकारी दी जायेगी मुख्यतः फरमेन्टर, ब्लॉस्ट, क्रिस्पट एवं डिजिटल माइक्रोस्कोपी। छात्रों को इन उपकरणों की प्रायोगिकता भी कराई जायेगी। इससे छात्र लाभान्वित हो सकेेेगे।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के इस प्रयास को छात्रों के लिये लाभकारी बताया और कहा कि इससे छात्रों को नवीन उपकरणों का प्रयोग कर अभ्यास करने मिलेगा जिससे उन्हें उपकरणों को प्रयोग करना आयेगा।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा ने विभाग को राष्ट्रीय कार्यशाला के लिये बधाई दी और छात्रों को नवीन उपकरणों एवं डिजिटल माइक्रोस्कोपी से लाभान्वित हो रहे है। इसके लिये बधाई दी। विद्यार्थियों ने कहा कि डिजिटल माइक्रोस्कोपी के जरिये हम माइकोकेमिस्टरी एबोटिंग इत्यादि भी कर सकते है। होल स्लाईड इमेजिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इसकी आवश्यकता बताया। डिजिटल माइक्रोस्कोप का उपयोग विभिन्न हिस्टोपैथोलॉजी, माईक्रोबॉयोलाजी, हीमोटोलॉजी, एंड्रोलॉजी, दैनिक डायगलोसिस, रिसर्च, मिलिट्री हास्पिटल्स, वेटेनरी सांइसेस, एग्रीकल्चर, फार्मास्युटिकल्स, एवं सेमीकंडक्टर, मटेरियल इंडस्ट्री में किया जा सकता है।
मिकेलिस माइक्रोस्कोपी, रोबोटिक माइक्रोस्कोपी, आर्टिफिश्यल इंटेलिजेन्स माइक्रोस्कोपी के बारे में विस्तृत जानकारी की आब्जेक्टीव लेन्स की सूक्ष्मदर्शिता शक्ति की कलर कोडिंग के बारे में बताया कि 4 *के लिये लाल, 10*के लिये पीला, 20*के लिये हरा, 40*के लिये नीला, 100*लिये काला एवं सफेद रंग से चिंहित किया जाता है।
उन्होंने सभी छात्रों को डिजिटल माइक्रोस्कोप में स्लाइड लगाने, देखने, चित्र लेने एवं सेव करना सिखाया जिसे सभी छात्रों ने स्वयं किया।
कार्यक्रम में सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं बॉयोटेक्नोलॉजी के स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया एवं लाभान्वित हुये। अन्य राज्यों के छात्र कार्यशाला में ऑनलाइन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक सुनीता शर्मा, डॉ. श्वेता गायकवाड़, संजना सोलोमन उपस्थित रहे। मंच संचालन सहायक प्राध्यापक सूक्ष्मजीव विज्ञान योगिता लोखंडे ने किया। सहायक प्राध्यापक अमित कुमार ने तकनीकी सहयोग एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। स्वाति शर्मा का सहयोग सराहनीय रहा।

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