भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में आयोजित सप्ताहव्यापी ‘क्रिएटिव टीचिंग’ कार्यशाला का आज समापन हो गया. संडेकैम्पस.कॉम के सहयोग से महाविद्यालय के शिक्षा संकाय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला के बाद आज विद्यार्थियों ने कठपुतलियों के माध्यम से कहानियां सुनाई. इन रोचक प्रस्तुतियों का अन्य अभ्यर्थियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया.
कार्यशाला के मुख्य अतिथि ट्रिपल-एम के संयोजक एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व महाप्रबंधक ज्ञान चतुर्वेदी ने इस कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में अलग-अलग दिवसों पर विषय विशेषज्ञों ने बच्चों को रोचक जानकारियां दीं. इन सबका एक ही उद्देश्य था कि जब ये विद्यार्थी कर्मजीवन में प्रवेश करें तो ये न केवल अच्छी सम्प्रेषण कला के साथ बेहतर एवं सफल शिक्षक बनें बल्कि उनकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता भी बढ़े.
उन्होंने कहा कि एक टीम बनाकर अच्छा काम करने के लिए स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता की आवश्यकता होती है. इसमें स्व को एक तरफ रखकर केवल काम पर फोकस करना होता है. कार्य का उद्देश्य अच्छा होता है तो लोग अपने-आप जुड़ते चले जाते हैं और कार्य सिद्ध होता है. उन्होंने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संडेकैम्पस.कॉम के संपादक दीपक रंजन दास को भी बधाई दी. उन्होंने कहा कि संगीत से जुड़कर माता सरस्वती की कृपा प्राप्त की जा सकती है.
कार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने कहा कि जिन लोगों ने कार्यशाला के महत्व को समझते हुए इसमें सक्रिय भागीदारी दी, वे अपने अन्दर परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे. उनकी इसकी उपयोगिता का अहसास तब होगा जब वे क्लासरूम में पढ़ाने के लिए जाएंगे. उन्होंने इस कंसेप्ट के लिए संडेकैम्पस को साधुवाद दिया.
रंगमंच की संयोजक डॉ अलका दास ने इस अवसर पर कहा कि इस ज्ञान से लैस टीचर जिन बच्चों को पढ़ाएंगे वे सभी आगे चलकर सम्प्रेषण कला में निपुण होंगे. कठपुतलियों या किसी भी प्रॉप के माध्यम से लोगों को सहज ही आकर्षित किया जा सकता है और बड़ी से बड़ी बात भी सहजता के कही जा सकती है.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री चतुर्वेदी के साथ ही श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ लक्ष्मी वर्मा ने भी गीत प्रस्तुत किये. विद्यार्थियों ने भी गीत गाकर कार्यक्रम को पूर्णता प्रदान की. कठपुतलियों के माध्यम से स्टोरी शेयर करने की प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार बीएड चतुर्थ सेमेस्टर की गौतमी साहू को प्रदान किया गया. द्वितीय पुरस्कार ऑरूणी एवं तृतीय पुरस्कार प्रगति त्रिपाठी को प्रदान किया गया.
इस अवसर पर अकादमिक डीन एवं संयुक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव, शिक्षा संकाय की एचओडी डॉ नीरा पाण्डेय, डॉ वन्दना सिंह, डॉ सुषमा दुबे, मालती साहू, डॉ शिल्पा कुलकर्णी, कंचन सिन्हा, पूर्णिमा तिवारी, सुधा मिश्रा, सुमिता सिंह, राजकुमार वर्मा, पिकेश्वर एवं बीएड तथा डीएलएड के प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे. अंत में सभी प्रतिभागियों को सफलता पूर्वक कार्यशाला में भागीदारी देने के लिए प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया.