भिलाई। एमजे कालेज में आज जूनियर्स ने अपने सीनियर्स को फेयरवेल दिया. इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि हम बहुत जल्दी दूसरों को जज कर लेते हैं पर कभी-कभी इसमें बड़ी गड़बड़ी हो जाती है. बाद में जब हमें सच्चाई का पता चलता है तो हम शर्मिंदा होते हैं. इसलिए हमें किसी भी स्थिति में बिना कारण जाने प्रतिक्रिया करने से बचना चाहिए.
डॉ श्रीलेखा ने एक कहानी सुनाकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि एक बार एक बालक सड़क हादसे में घायल हो गया. परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो सर्जन नहीं थे. अस्पताल कर्मियों ने बालक को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया. तभी तेजी से सर्जन आए और भीतर चले गए. परिजन उन्हें बुरा भला कहते रह गए. ऑपरेशन सफल रहा, इतना कहते हुए सर्जन जिस तेजी से आए थे, उसी तेजी से लौट गए. परिजनों ने डाक्टर को घमंडी समझ लिया. पर जब नर्स ने बताया कि डॉक्टर केवल आपके बेटे की जान बचाने के लिए अपने बेटे की मैयत को रोककर यहां पहुंचा था, तब शर्मिंदगी से उनकी आंखें झुक गईं.
डॉ श्रीलेखा ने कहा कि वक्त की इज्जत करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह कभी लौट कर नहीं आता. पर कभी-कभी न चाहते हुए भी देर हो जाती है. इसमें कारणों को समझने की कोशिश करनी चाहिए न कि कूद पर किसी नतीजे पर पहुंच जाना चाहिए.
इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि फेयरवेल को विदाई नहीं समझना चाहिए. अभी आप सभी स्टूडेंट हैं पर पासआउट होने के बाद हमारे एलुमनाई बन जाएंगे. उन्होंने विद्यार्थियों से महाविद्यालय के सतत् सम्पर्क में रहने की गुजारिश करते हुए कहा कि सफल विद्यार्थी ही किसी महाविद्यालय की साख होते हैं.
इस अवसर पर एमजे कालेज फार्मेसी के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, उप प्राचार्य सिजी थॉमस, शिक्षा संकाय की एचओडी डॉ श्वेता भाटिया, कम्प्यूटर साइंस की विभागाध्यक्ष पीएम अवंतिका सहित सभी फैकल्टी सदस्य एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने गीत गाए और नृत्य भी किये. सीनियर्स के लिए कुछ खेलों का भी आयोजन किया गया था. श्रुति, जाह्नवी, राखी और तुषारिणी ने नयानाभिराम नृत्य प्रस्तुत किये. कार्यक्रम का सफल संचालन विशाल सोनी एवं पायल यादव ने किया.