भिलाई। एक पंडित ने राह चलते कुत्ते को बिना वजह लाठी से मार दिया. इस पर कुत्ता राजा श्रीराम के दरबार में पहुंचा. धर्मसंकट में फंसे श्रीराम ने जब कुत्ते से ही पंडित के लिए सजा तजवीज करने को कहा तो उसने एक ऐसी सजा मांगी जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए. कुत्ते ने कहा कि पंडित को राज्य के सबसे बड़े मंदिर का महंत बना दिया जाए.
भागवत कथा के दौरान व्यासगद्दी पर विराजे वरिष्ठ शिक्षाविद पं. मदन मोहन त्रिपाठी ने आज यह प्रसंग सुनाया. कृष्णा पब्लिक स्कूल, कुटेलाभाठा में आयोजित मदभागवत कथा सप्ताह का आज अंतिम दिवस था. पं. त्रिपाठी ने आगे कहा कि जब राजन ने कुत्ते से इसकी वजह पूछी तो उसने बताया कि पिछले जन्म में वह स्वयं एक बड़े मंदिर का महंत था. लोभवश उसने पूर्वजन्म में अमानत में खयानत की और कुत्ते के जन्म को प्राप्त हुआ. वह चाहेगा कि उसे बेवजह लाठी मारने वाले पंडित को भी अगले जन्म में कुत्ता बनने का मौका मिले. पं. त्रिपाठी ने कहा कि दूसरों की अमानत पर नजर रखने वाले का हमेशा बुरा ही होता है.
कथा का आरंभ उन्होंने महाभारत के विभिन्न पात्रों से जुड़े प्रश्नावली से किया. उन्हें अजामिल की कथा भी सुनाई जिसमें वह घोर पापी बन जाता है. पर जब यमदूत उन्हें लेने आए तो उन्होंने अपने छोटे बेटे नारायण को आवाज दी. नारायण-नारायण पुकारने पर स्वयं भगवान दौड़े आए. उन्होंने राजा पौन्ड्रक की कथा भी सुनाई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में केपीएस परिवार के सदस्य, विद्यार्थी तथा धर्म मर्मज्ञ उपस्थित थे. यह आयोजन स्कूल में बने नए ऑडिटोरियम में किया गया था.