दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस. डी. देशमुख ने बताया कि प्राचार्य डॉ. आर. एन. सिंह के निर्देश पर विद्यार्थियों के लिए भूविज्ञान विभाग में खनिज विज्ञान पर 23 से 29 मई तक सप्ताहव्यापी कार्यशाला का आयोजन किया गया. शिविर में विद्यार्थियों को क्रिस्टलोग्राफी की भी जानकारी प्रदान की गई.
इस कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को खनिज विज्ञान के विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत कराया. कार्यशाला में प्रोफेसर पी.एस. गौर (सेवानिवृत्त प्राध्यापक) ने विद्यार्थियों को क्रिस्टलोग्राफी की जानकारी प्रदान की. डॉक्टर संदीप वनसुत्रे (शा. नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर) ने रत्नों के भौतिक गुणों के बारे में समझाया.
डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव (अधिष्ठाता छात्र कल्याण) ने खनिजों के प्रकाशीय गुणों से विद्यार्थियों को अवगत कराया.प्रोफेसर बेनीधर देशमुख( इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली) ने खनिजों के औद्योगिक उपयोगों पर प्रकाश डाला. डॉ डीसी झारिया (एनआईटी, रायपुर) ने खनिजों के भौतिक गुणों को खनिजों के नमूने दिखाकर विस्तारपूर्वक समझाया. मनदीप सिंह(भूवैज्ञानिक, भूविज्ञान एवं खनिकर्म निदेशालय, छत्तीसगढ़) ने खनिज विज्ञान के अध्ययन के उद्देश्य तथा ध्रुवण सूक्ष्मदर्शी के बारे में विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन किया एवं भूविज्ञान में रोजगार के सम्बन्ध में जानकारी दी. कोमल सिंह वर्मा ने विभिन्न खनिज समूहों पर व्याख्यान दिये.
कार्यशाला में व्याख्यानों के अतिरिक्त प्रायोगिक सत्र भी संचालित किये गये. साथ ही साथ प्रतिभागियों द्वारा अर्जित ज्ञान को परखने के लिए टेस्ट का आयोजन भी किया गया.
प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनुपमा अस्थाना एवं आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने इस कार्यशाला के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं समस्त प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की.
इस पूरी कार्यशाला को संचालित करने में डॉ. विकास स्वर्णकार, धर्मेश देशमुख, निखिल वर्मा एवं विजय यादव का सराहनीय योगदान रहा.