भिलाई। इस्पात नगरी की इंडो-रशियन गीत संगीत संस्था “मेटलर्जिकल म्यूजिक मेकर्स” (ट्रिपल एम) ने 22 जुलाई को महान पार्श्व गायक मुकेश चन्द्र माथुर की जन्म शतवार्षिकी मनाई. बीएसपी के ऑफिसर्स एसोसिएशन के सहयोग से प्रगति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में ट्रिपल एम से जुड़े लगभग दर्जन भर कलाकारों के अलावा ओए के संगीत प्रेमियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं. सेफी एवं ओए के अध्यक्ष तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के महाप्रबंधक नरेन्द्र बंछोर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
आरंभ ने अतिथियों ने पार्श्व गायक मुकेश के पेन्सिल पोर्टेट पर माल्यार्पण एवं पुष्प चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. यह पोर्ट्रेट मुकेश के फैन दीपक रंजन दास ने बनाया है. संजय मोरे ने – किसी की मुस्कुराहटों पे… से कार्यक्रम का शानदार आगाज़ किया. इसके बाद राजवीर शरण दास एवं अलका शर्मा ने युगल गीत – सावन का महीना… प्रस्तुत किया. सतीश जैन ने – मैं पल दो पल का शायर हूं.., शिव योगा ने जुबां पे दर्द भरी दास्तां…, रजनी आर्य ने खुश रहो हर खुशी है.. तथा श्याम शेखर ने कई बार यूं ही देखा है.. की सुन्दर प्रस्तुतियां दीं.
ट्रिपल एम के संयोजक ज्ञान चतुर्वेदी ने – मुझको यारों माफ करना… को अपने खास अंदाज में प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं. ट्रिपल-एम की संस्थापक सदस्यों में से एक शिखा मोइत्रा ने भी सालों बाद शानदार वापसी करते हुए – कहीं करती होगी वो मेरा इंतजार.. की भावपूर्ण प्रस्तुति दी.
राजेन्द्र जोगलेकर ने – तुम जो हमारे मीत न होते…, अलका शर्मा ने – कभी कभी मेरे दिल में.., राजवीर शरण दास ने – तौबा ये मतवाली चाल, वेंकट सुब्रमणियम ने – कहीं दूर जब दिन ढल जाए की द्विभाषी प्रस्तुति दी. दीपक रंजन दास ने – जीना यहां मरना यहां… प्रस्तुत किया. युगल गीतों की श्रृंखला में ज्ञान चतुर्वेदी एवं अलका शर्मा ने – हम तो तेरे आशिक हैं, शिखा एवं राजवीर ने – हमसफर मेरे हमसफर तथा रजनी आर्य एवं संजय मोरे ने – किसी राह में की खूबसूरत प्रस्तुतियां दी. अंतिम तीन गीतों की प्रस्तुति संजय मोरे – कहीं करती होगी मेरा इंतजार.., सतीश जैन ने – जाने कहां गए वो दिन तथा ज्ञान चतुर्वेदी ने – तेरी निगाहों पे… की शानदार प्रस्तुतियां दीं.
इस अवसर पर कल्याण महाविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक राकेश शर्मा, महिला समाज की रजनी बलैया एवं स्वयंसिद्धा की डॉ अलका दास सहित ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे. सभी चित्र संजय मोरे जी के सौजन्य से.