राजनांदगांव। राष्ट्रीय महिला समानता दिवस के अवसर पर कॉन्फ्लुएंस कॉलेज में सभी छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए लघु फिल्म “मुस्कान” प्रदर्शित की गई। फिल्म का विषय लैंगिक समानता और कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित था। इस फिल्म में, छोटी सी बच्ची ने अपनी दादी को संदेश दिया अपनी दादी के साथ कुछ शर्तो का पालन करते हुए हमारे समाज में लड़कियाँ भी लड़कों के समान ही महत्वपूर्ण हैं।
शर्ते महिलाओं की सफलता, महिला शिक्षा, महिला देखभाल, महिला भावना, महिला विवाह और सामाजिक विचारों और रीति-रिवाजों में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों पर आधारित हैं। एटलास्ट लड़की ने दादी की रूढ़िवादी राय पर जीत हासिल की और उन्हें अमर प्रेरणा दी।
इस कार्यक्रम में नुपुर श्रीवास्तव (महिला सेल प्रभारी) ने महिलाओं की भागीदारी के बाद महिला समानता दिवस के आगमन के बारे में बताया। प्रथम विश्व युद्ध। फिर, अंततः 1920 में अमेरिकी संविधान में 19वें संशोधन ने महिलाओं के विकास में सरकार की रोक के बाद दुनिया भर में महिला समुदाय को अधिकारों की शक्ति प्रदान की। प्राचार्य डॉ. रचना पांडे ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आज का युग समानता का युग है आज महिला पुरुष से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है महिलाएं अपने अधिकार को समझें और सही निर्णय लेने में सक्षम रहे।
श्री राधेलाल देवांगन सहायक अध्यापक सहायक प्राध्यापक के कहा कि हमारे सभी वर्ग की महिलाओं को पूरे देश में सकारात्मकता लाने के लिए आगे आना चाहिए।
श्रीमती सुमन साहू ने गृहिणियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रेरक भाषण दिया।
महाविद्यालय डायरेक्टर संजय अग्रवाल ने विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों का उत्साह बढ़ाते हुए पूरे कार्यक्रम की सराहना की।