• Thu. May 9th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

शैलदेवी महाविद्यालय में हिंदी दिवस का वृहत् आयोजन

Sep 16, 2023
Shaildevi Mahavidyalaya observed Hindi Diwas

अंडा, दुर्ग। शैलदेवी महाविद्यालय में हिंदी दिवस पर हिन्दी विभाग द्वारा व्याख्यान माला का आयोजन हुआ. इसका विषय था “नई शिक्षा नीति 2020 में हिन्दी भाषा का भविष्य’. मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में डॉ. विनय कुमार पाठक, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अरूण कुमार यदु, वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार उपस्थित हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता राजन कुमार दुबे, अध्यक्ष, शैलदेवी महाविद्यालय ने की.
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक डॉ. रजनी राय, प्राचार्य डॉ. के. एन. मिश्रा उपप्राचार्य डॉ.रश्मि पांडे व सभी संकायों के सहा. प्राध्यापक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए. प्राचार्य ने मुख्य अतिथि डॉ. विनय कुमार पाठक तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अरूण कुमार यदु का व प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत व सम्मान किया। उप प्राचार्य ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया और घोषणा की, कि देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा होगी। अतएव हिंदी को
आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने के दिन को ही हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्य अतिथि ने आमंत्रण व सम्मान हेतु धन्यवाद देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में जिस तरह से प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा के प्रभाव को समायोजित करते हुए हिंदी भाषा के महत्व को भी प्रतिपादित किया गया है। वह हिंदी के प्रभुत्व को स्थापित करते हुए भविष्य में हिंदी युग की स्थापना का कारक बनेगा। हिंदी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं का भी महत्व स्थापित हो और हिंदी के प्रभुत्व को स्थापित करते हुए भविष्य में हिंदी युग की स्थापना का कारक बनेगा। उन्होंने आगे कहा की लगभग 70 विश्वविद्यालय में हिंदी अपना पहचान विश्व पटल पर बना लिया है वहीं विशिष्ट अतिथि ने नई शिक्षा नीति के आधार पर हिंदी के महत्व और उपयोगिता को बड़े ही सरल शब्दों में व्यक्त करते हुए कहा कि 34 साल बाद शिक्षा नीति में सरकार ने भाषा से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके तहत सरकार ने त्रिभाषा फार्मूला अपनाया है अर्थात अब पांचवी तक के बच्चों के लिए उनकी मातृभाषा, क्षेत्रीय या स्थानीय भाषा का उपयोग करके इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई की अनिवार्यता खत्म करते हुए संस्कृत के साथ तीन अन्य भारतीय भाषाओं में पढ़ाई का विकल्प होगा। इस अवसर पर हिंदी व्याकरण प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों के द्वारा सम्मानित किया गया , जिसमें प्रथम स्थान पर बीएड थर्ड सेमेस्टर से वेद प्रकाश व द्वितीय स्थान पर बीएड से ही गोपेश्वर वह उमेश तथा बीएड थर्ड सेमेस्टर से तृतीय स्थान पर अजय वर्मा रहे। मंच संचालन जितेश मिश्रा सहा. प्राध्यापक वाणिज्य ने किया। कार्यक्रम के अंतिम बेला में प्राचार्य श्री के एन मिश्रा ने आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों का आगमन हेतु आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

Leave a Reply