• Wed. May 8th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

Sep 16, 2023
International conference in SSMV Bhilai

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में “मोलीकुलर बायोलाॅजी : इट्स एप्रोचेस एंड डेवेलपमेंट इन द रिसेंट एरा” विषय पर सी-काॅस्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जंतु विज्ञान विभाग व माइक्रोबायोलाजी विभाग द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. अरूणा पलटा, श्री गंगाजली एजुकेशन सोसायटी के चेयरमेन आई पी मिश्रा, विशिष्टअतिथि एवं मुख्य वक्ता डाॅ. मोहम्मद मजरूल करीम, प्रोफेसर, ढाका विश्वविद्यालय, उपस्थित रहे।
अतिथियों ने कार्यक्रम के प्रारंभ में बायोटेक्नोलाजी एवं माइक्रोबायोलाॅजी विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से महाविद्यालय की प्रयोगशाला में, मंदिरों में चढ़े हुए फूलों की मदद से गुलाब जल और सूखे हुए फूलों का उपयोग कर हवन धूप विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया है। इसके साथ ही साथ अलग अलग औषधि पौधों का अर्क और असेंसियल आइल निकालकर बहुत सारे हर्बल प्रोडक्ट बनाए गए हैं जिसमें जिसमें मच्छर भगाने का रिपेलेन्ट, हर्बल साबुन, स्टेनरिमूवर, कंडीशनर, फ्लोरक्लिनर, हैंडवास, हर्बलस्ट्रबर, हर्बल शैम्पू, रूम फ्रेशनर, एंटी डेंड्रफ सीरम जैसे प्रोडक्ट तथा घर में दैनिक उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुएं बनाई गई है।


उद्घाटन समारोह का प्रारंभ माता सरस्वती के पूजन एवं छत्तीसगढ़ी राजगीत के साथ किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. अर्चना झा, प्राचार्य श्री शंकराचार्य महाविद्यालय द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।
श्रीगंगाजली एजुकेशन सोसायटी के चेयरमेन आईपी मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी के समय कोरोना के बचाव में मोलीकुलर बायोलाजी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सम्मेलन के ई-सोविनियर का विमोचन मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा क्यूआर कोड के माध्यम से किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ. अरूणा पलटा ने बताया कि महारानी चक्रवती ने सबसे पहले माइक्रो बायोलाॅजिकल की खोज की और उन्होंने बताया कि उबेक सिद्दीकी को फादर आॅफ माइक्रोबायोलाॅजी के रूप में जाना जाता है। डाॅ. पलटा ने क्लोनिंग, डीएनए, पीसीआर, जीन थेरेपी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी प्रदान की।
तकनीकी सत्र के प्रारंभ में इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की समन्वयक डाॅ. सोनिया बजाज ने सम्मेलन का परिचय दिया।
बांग्लादेश से आए डाॅ. मोहम्मद करीम द्वारा जीवों के वर्गीकरण ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट तथा पौधों पर वातावरण के परिवर्तन से होने वाले प्रभाव और उनमें तनाव जैसे लवण तनाव आदि का पौधों में हानिकारण तथा लाभदायक प्रभाव को विभिन्न शोध तकनीक की सहायता से विस्तार पूर्वक समझाया।
सम्मेलन की द्वितीय सत्र में डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी, प्रोफेसर, वि.या.ता. स्व. महाविद्यालय द्वारा वातावरण में सूक्ष्म जीवों के द्वारा जल जनित तथा खाद्य जनित रोग के फैलने तथा उनके परीक्षण की विभिन्न तकनीकों का वर्णन किया।
महाविद्यालय के द्वारा आमंत्रित अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हर्बल प्रोडक्ट, सीडबाॅल एवं घोंसला प्रदान कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सम्मेलन की सह-समन्वयक डाॅ. रचना चौधरी ने ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम का संचालन डाॅ. वंदना सिंह एवं रचना तिवारी के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में डाॅ. केशरजमीन, डायरेक्टर जीएम रेड्डी रिसर्च फाउंडेशन, तेलंगाना, डाॅ. सतीश बी वेरूलकर, हेड डिपार्ट मेन प्लांट मोलेकुलर बायोलाजी एंड बायोटेक्लोलाजी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, प्रकाश राय, डिपार्टमेंट आफ लाइफ साइंस, स्कूलआफ यूनिवर्सिटी, रायपुर, श्री शंकराचार्य प्रोफेसनल यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ. ए.के. झा उपस्थित रहे तथा विभिन्न महाविद्यालय प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Leave a Reply