दुर्ग। शासकीय डाॅ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। वैश्विक स्तर पर लड़कियों के सामने आ रही चुनौतियों की पहचान कर उसका समाधन करना, उन्हंे शिक्षित करके स्वस्थ जीवन का अधिकार दिलाने, सशक्तिकरण करने मानवाधिकारों का हनन रोकने तथा एक सुरक्षित समाज का निर्माण करने के उद्देश्य से महिला प्रकोष्ठ द्वारा जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
पोस्टर प्रदशर्नी एवं सामूहिक चर्चा द्वारा इस गंभीर विषय पर प्रकाश डाला गया। प्रभारी डाॅ. रेशमा लाकेश ने कहा कि बेटियाॅ आज भी अपने हक के लिए लड़ रही हंै, उपेक्षा एवं अभावों का सामना कर रही, बालिकाओं के मुद्दे पर विचार करके इनकी भलाई की ओर सक्रिय कदम बढ़ाना गरीबी, संघर्ष, शोषण और भेदभाव का शिकार होती लडकियों की शिक्षा और उनके सपनो को पूरा करने के लिए प्रयास पर केंद्रित करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी के अनुसार बालिकाओं को शिक्षित करना हमारा प्रथम दायित्व और नैतिक अनिवार्यता है। शिक्षा से आत्मविश्वास एवं अधिकारांे के प्रति जागरूकता आती है। मनीषा घृतलहरे ने महत्वकांक्षी योजना बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की जानकारी दी। महक परवीन ने घरेलू हिंसा, भेदभाव एवं यौन उत्पीड़न की चर्चा की। उमेश्वरी ने ‘‘बीकाॅज आई एम ऐ गर्ल‘‘ अभिमान के महत्व को समझाया। करूणा ने महिला शक्ति को अवसर प्रदान करने पर प्रकाश डाला।
मुस्कान कुर्रे ने कहा कि बालिकाओं के अधिकारो की सुरक्षा निश्चित करना आवश्यक है। निधि शाह का विचार है कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में समानता और समर्थन प्राप्त होना चाहिए।
शोधार्थी तब्बसुम अली के अनुसार बालिकाओं के अधिकारांे, महत्व एवं योगदान के प्रति समाजिक जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन सबिना बेगम एवं धन्यवाद ज्ञापन श्वेता भटट् ने किया।