भिलाई। शैक्षणिक भ्रमण पर एमजे कालेज के विद्यार्थी 22 दिसम्बर को करकाभाट स्थित मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना पहुंचे. इस चीनी मिल की स्थापना 2009 में की गई थी. भ्रमण का उद्देश्य गन्ना खेती का रकबा, गन्ना खऱीदी एवं भण्डारण की प्रक्रिया, गन्ने की पेराई और चीनी बनाने तथा उसका विपणन करने की प्रक्रियो को करीब से जानना था.
इस भ्रमण दल का नेतृत्व विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रवीण कुमार तथा बायो टेक्नोलॉजी की सहायक प्राध्यापक सलोनी बासू कर रही थीं. गाइड के रूप में सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास साथ में थे. भ्रमण कार्यक्रम में 57 विद्यार्थियों ने सहभागिता दी.
विद्यार्थियों को बताया गया कि यह एक पूर्णतः आधुनिक संयंत्र है जहां गन्ने की पेराई से लेकर चीनी बनने तक की प्रक्रिया ह्यूमन कांटेक्टलेस है, अर्थात इसमें किसी भी कर्मचारी का हाथ नहीं लगता. गन्ने को मशीनों द्वारा ही उठाकर कन्वेयर पर डाला जाता है जो इसे हॉपर तक पहुंचाते हैं. कई चरणों की पेराई के बाद गन्ने का पूरा रस निचोड़ लिया जाता है. इसके लिए खास किस्म के गन्ने उगाए जाते हैं जिसमें छिलका पतला और रस भरपूर होता है.
पेराई के बाद रस को अलग कर उससे चीनी बनाई जाती है जबकि छिलका भूसे के रूप में बाहर आता है. रस के शोधन के बाद उच्छिष्ट के रूप में मोलासिस बच जाता है जिसे पाइप लाइन द्वारा दूर स्थित टंकियों तक पहुंचा दिया जाता है. छिलके के भूसे का उपयोग ईंधन के रूप में बायलरों को गर्म करने के लिए किया जाता है. इससे वेस्टेज मिनिमाइज करने में मदद मिलती है और ऊर्जा पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है.
विद्यार्थियों ने यहां उपयोग में लाए जाने वाले गन्ने का स्वाद भी चखा. उन्हें चीनी चखने का भी अवसर प्राप्त हुआ. बताया गया कि मिल में चीनी का विक्रय मूल्य 37 रुपए प्रति किलोग्राम है. इससे गन्ना किसानों को नगदी फसल का लाभ मिल रहा है.