दुर्ग। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, धनोरा की हिन्दी की व्याख्याता, डाॅ. सरिता श्रीवास्तव को आज बीटीआई परिसर, रायपुर में आयोजित भव्य समारोह में हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को नवाचारी शिक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल एवं उसके पश्चात् भी डाॅ. सरिता श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को हिन्दी विषय में दक्षता बढ़ाने तथा सर्वांगीण विकास हेतु तीन ’अ’ का प्रयोग किया है।
डाॅ. सरिता श्रीवास्तव ने तीन ’अ’ के विषय में जानकारी दी कि पहला ’अ’ से तात्पर्य है ’’आत्मविश्वास’’ दूसरा ’अ’ से तात्पर्य है ’’अवसर’’ एवं तीसरा ’अ’ से तात्पर्य है ’’अभिव्यक्ति’’ इन्हीं तीनों को ध्यान में रखकर वे अपने धनोरा स्कूल के लगभग 300 छात्र-छात्राओं को विभिन्न समूहों में बांटकर उनके सर्वांगीण विकास का प्रयास करती है। डाॅ. सरिता के अनुसार विद्यार्थी इस नवाचारी षिक्षण में भरपूर सहयोग देते हैं। उन्होंने बताया कि सबकुछ जानने के बावजूद ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी अपनी बात रखने में झिझकते है। उनकी इसी झिझक को दूर कर उनमें आत्मविष्वास पैदा करना ही मेरा उद्देष्य है।
आज रायपुर स्थित बीआईटी परिसर में लगभग 50 से अधिक षिक्षकों को नवाचारी षिक्षा हेतु सम्मानित किया गया। विज्ञान, गणित, रसायन, हिन्दी एवं अंगे्रजी आदि विषयों के षिक्षकों ने अपने-अपने विषय से संबंधित नवाचारी षिक्षा से संबंधित प्रस्तुतियां दी। जिनका वहां उपस्थित सभी अतिथियों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। इन पुरस्कारों के लिए चयन पांच चरणों में हुआ है। डाॅ. सरिता ने यातायात के नियमों के पालन करने तथा हेलमेट का प्रयोग करने संबंधी लघु फिल्म में कार्य भी किया है।
देश के सबसे बड़े नवाचारी शिक्षक समूह द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न सम्मान सह राष्ट्रीय शैक्षिक समिट 2024 के दौरान डाॅ. सरिता श्रीवास्तव को ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त डाॅ. सरिता श्रीवास्तव कत्थक नृत्य में भी इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से स्नातक हैं। उन्होंने प्रसिद्ध नृत्य प्रशिक्षक पद्म विभूषण स्वर्गीय बिरजू महराज से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इससे पूर्व अखिल भारतीय विश्वविद्यालयीन स्तर पर आसाम में आयोजित युवा उत्सव में कत्थक नृत्य में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। डाॅ. सरिता श्रीवास्तव हेमचंद यादव विष्वविद्यालय, दुर्ग के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव की धर्मपत्नी हैं।