भिलाई। डाक्टर्स डे के अवसर पर आज नन्हीं चिड़िया फाउण्डेशन के बच्चों ने स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों का सम्मान किया। इसके लिए बच्चे अपने हाथों से कार्ड बनाकर लाए थे। अस्पताल की तरफ से उन्हें रिटर्न गिफ्ट भी दिया गया। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ दीपक वर्मा ने बताया कि भारत में डाक्टर्स डे डॉ विधानचन्द्र राय की स्मृति में मनाया जाता है। 1 जुलाई उनका जन्मदिन एवं निर्वाण दिवस है। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। डॉ दीपक वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री रहते हुए भी डॉ विधानचन्द्र राय ने चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं जारी रखीं एवं दोनों ही क्षेत्रों में सफल रहे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशे के दो पहलू हैं। एक सेवा का और दूसरा आर्थिक। इसके बावजूद आज चिकित्सकों का सम्मान है और चिकित्सा समुदाय को अपना सम्मान बनाए रखने के लिए सचेष्ट रहना चाहिए।
एक चिकित्सक के जीवन की चुनौतियों का जिक्र करते हुए डॉ संजय गोयल ने बताया कि एक बार एक मरीज आधी रात को पहुंचा। वह घायल था और काफी खून बह चुका था। उसके शरीर में हीमोग्लोबीन केवल 4 ग्राम रह गया था। बी -ve खून अस्पताल में था नहीं और बाहर से इंतजाम करने के लिए हमारे पास वक्त नहीं था। हमने फ्लुइड्स देकर रक्त की मात्रा बढ़ाई और पेट में चीरा लगाया। रक्त बहकर पेट में भरा हुआ था। हमने बाडी टेम्परेचर पर संरक्षित खून को दोबारा उसे चढ़ा दिया। इस पद्धति के बारे में हमने केवल पढ़ा था, उस समय पहली बार प्रयोग किया। बच्चा ठीक हो गया और आज भी सकुशल है।
डॉ जयराम अय्यर, डॉ जय तिवारी, डॉ नवीन राम दारूका ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ एस श्रीनाथ, डॉ कीर्ति कौरा, डॉ रीमा छत्री, डॉ रश्मि वर्मा, डॉ राघवेन्द्र राव, डॉ नम्रता भुसारी, डॉ दीपक वर्मा, डॉ आशीष जैन, डॉ कृतिका ज्ञानी, डॉ राजन तिवारी, डॉ राजीव कौरा, डॉ दीपक कोठारी, डॉ राहुल सिंह, डॉ समीर कठाले, डॉ स्मिता, डॉ सुप्रिया गुप्ता, नन्हीं चिड़िया के फिरोज खान, कंचनलता, राइया खान, विशाल वर्मा सहित बड़ी संख्या में स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए हर एक जुलाई को चिकित्सक दिवस मनाया जाता है।1991 में भारतीय सरकार द्वारा डॉक्टर दिवस की स्थापना हुई थी।4 फरवरी 1961 में डॉ. विधान चन्द्र रॉय भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजे गए। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना में हुआ था।
महान फिजिशियन डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय पं. बगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। खास बात यह है कि उन्हें उनकी दूरदर्शी नेतृत्व के लिए पं. बंगाल राज्य का आकिर्टेक्ट भी कहा जाता था। रॉय साहब ने अपनी डॉक्टरी की डिग्री कलकत्ता से पूरी की और 1911 में भारत लौटने के बाद अपनी एमआरसीपी और एफआरसीएस की डिग्री लंदन से पूरी की और उसी वर्ष से भारत में एक चिकित्सक के रुप में अपने चिकित्सा जीवन की शुरुआत की।