भिलाई। केपीएस सेवाश्रम कुटेलाभाठा के बच्चों ने प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए प्लास्टिक के टिफिन बक्सों, पालीपैक, फायल पैक आदि को अलविदा कह दिया है। स्कूल के एक हजार बच्चे एवं 42 टीचिंग-नॉन टीचिंग स्टाफ ने एक साथ स्टील के टिफिन बाक्स का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अपने स्टील का टिफिन हवा में लहराते हुए बच्चों ने कहा कि इसकी प्रेरणा उन्हें स्कूल के चेयरमैन एमएम त्रिपाठी, प्रिंसिपल मानस सेन एवं वाइस प्रिंसिपल मृदु लाखोटिया से मिली। उनका कहना था कि पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्लास्टिक का बंद करने के पोस्टर बहुत बनाए, नारे बहुत लगाए – अब कुछ करके दिखाने का वक्त आ गया है। इसके साथ ही पूरे शाला परिवार ने एक साथ प्लास्टिक के टिफिन बाक्स को ‘नाÓ कर दिया।
स्कूल के चेयरमैन श्री त्रिपाठी ने कहा कि स्टील के टिफिन के कई प्रत्यक्ष और परोक्ष फायदे हैं। अब बच्चे घर के बना हुआ टिफिन ही लेकर आते हैं। टिफिन में कुरकुरे-चिप्स-चॉकलेट-वेफर संस्कृति को इससे विराम लग गया है। प्लास्टिक के टिफिन में गर्म खाना रखना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। प्लास्टिक के टिफिन जल्द ही खराब हो जाते हैं और प्लास्टिक कचरा बढ़ाते हैं। स्टील टिफिन से इन सभी से मुक्ति मिल जाएगी।
शाला की उप प्राचार्य मृदु लखोटिया एवं प्रशासक आदित्य पाण्डेय ने बताया कि इससे बच्चों में अच्छा संदेश गया है और अब वे प्लास्टिक के अन्य सामानों का भी विकल्प तलाश रहे हैं।