भिलाई। जिनोटा पॉलीक्लिनिक एवं फार्मेसी ने केम्प क्षेत्र में बच्चों के लिए स्वास्थ्य सर्वेक्षण शिविर लगाया। 0 से 11 वर्ष आयु के 100 से अधिक बच्चों की जांच की गई और परामर्श दिया गया। बच्चियों में रक्ताल्पता के लक्षण मिले जिन्हें जांच की सलाह दी गई है। वहीं आंखों और पेट संबंधी शिकायतें भी बच्चों ने की जिसपर उन्हें उचित परामर्श दिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एपी सावंत ने बच्चों को लू से निपटने के उपायों का प्रशिक्षण दिया।जिनोटा की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित शिविर शृंखला की इस पहली कड़ी में डॉ सावंत ने गर्मियों के मौसम में लू से निपटने के विभिन्न उपायों की चर्चा की। उन्होंने बच्चों से पर्याप्त मात्रा में पानी पीने तथा दोपहर की तेज धूप में घर से बाहर नहीं निकलने की समझाइश दी। साथ ही उन्होंने बताया कि यदि लू से शरीर का ताप बहुत बढ़ जाता है तो ओआरएस का घोल पीना चाहिए। इसके अलावा माथे के साथ ही पूरे शरीर को गीले तौलिये से पोंछना चाहिए। इससे शरीर का तापमान तेजी से कम हो जाता है। उन्होंने ओआरएस का घोल तैयार करने की विधि भी बताई। डॉ सावंत ने निरोग रहने के लिए स्वच्छता के नियमों को दोहराया साथ ही बच्चों को हाथ धोने की तकनीक सिखाई। कुछ बच्चों का उन्होंने स्वास्थ्य परीक्षण भी किया।
इससे पहले सुबह से ही डॉ केके खान बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। इसमें नवजात शिशुओं से लेकर 11 साल की उम्र तक के 100 से अधिक बच्चे शामिल थे। उन्होंने आवश्यक परामर्श के साथ ही कुछ बच्चों को विशेषज्ञों के लिए रिफर भी किया।
शिविर में स्वास्थ्य प्रथम की राज्य समन्वयक बी पोलम्मा, प्रमिला पंडित, नर्सिंग सिस्टर आशा, मोनिका निषाद, जिनोटा के कमल गुरनानी, श्री प्रसाद, उदय भास्कर पब्लिक स्कूल की पायल भूयान ने सक्रिय भागीदारी दी। संचालन दीपक रंजन दास ने किया।
जिनोटा द्वारा आगे भी नियमित रूप से स्वास्थ्य सर्वेक्षण एवं निदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके। जागरूकता के अभाव में छोटी बीमारियां बड़ी बीमारियों में तब्दील हो जाती हैं और उनके इलाज में वक्त और पैसा भी बहुत ज्यादा लगता है।