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एम्बुलेंस को रास्ता देने, ओकरिज इंटरनेशनल स्कूल ने छेड़ा मुहिम

Sep 17, 2019

रायपुर। ओकरिज इंटरनेशनल स्कूल, विशाखापत्तनम के छात्रों ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपने "गिव वे टू एम्बुलेंस" इनीशिएटिव की जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को बताया कि एम्बुलेंस के ट्रैफिक जाम में फंस जाने के कारण कई बार उन लोगों की भी मृत्यु हो जाती है जिन्हें बचाया जा सकता था। इस स्थिति को टालने के लिए वे जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं।रायपुर। ओकरिज इंटरनेशनल स्कूल, विशाखापत्तनम के छात्रों ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपने “गिव वे टू एम्बुलेंस” इनीशिएटिव की जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को बताया कि एम्बुलेंस के ट्रैफिक जाम में फंस जाने के कारण कई बार उन लोगों की भी मृत्यु हो जाती है जिन्हें बचाया जा सकता था। इस स्थिति को टालने के लिए वे जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं।रायपुर। ओकरिज इंटरनेशनल स्कूल, विशाखापत्तनम के छात्रों ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपने "गिव वे टू एम्बुलेंस" इनीशिएटिव की जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को बताया कि एम्बुलेंस के ट्रैफिक जाम में फंस जाने के कारण कई बार उन लोगों की भी मृत्यु हो जाती है जिन्हें बचाया जा सकता था। इस स्थिति को टालने के लिए वे जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं।छात्र आयुष प्रजापति, हर्ष पद्मनी, नैतिक बंसल, कशिश पद्मनी, जाह्नवी राव, प्रांजल कावरे, और प्रियंका प्रजापति के साथ वाग्देवी सुनकाना, रवि शंकर मल्लदी और स्कूल के निदेशक नलिन श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने देखा है कि किस तरह एम्बुलेंस ट्रैफिक में फंस जाते हैं। मरीज का जीवन बचाने के लिए एक-एक मिनट कीमती होता है। इसलिए हमें एम्बुलेंस को रास्ता देने के प्रति संवेदनशील होना होगा। लोगों को इस दिशा में जागरूक करने के लिए उन्होंने यह अभियान छेड़ा है।
कक्षा 6 की जाह्नवी, आयुष, हर्ष, प्रियंका ने अपने अनुभव शेयर किये। उन्होंने बताया कि उनके जीवन में निर्णायक मोड़ तब आया जब वे महान क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से मिले। लक्ष्मण इस अभियान को हरी झंडी दिखाने मार्च 2019 में ओकरिज विशाखापट्टनम आए थे।
कशिश और प्रियंका ने बताया कि ‘आदर्श स्थिति में एम्बुलेंस को 15 मिनट के भीतर गंतव्य तक पहुंच जाना चाहिए। पर सड़क पर अनुशासन की कमी और यातायात में वृद्धि के कारण इसे लागू करना कठिन हो गया है।
राज्यपाल अनुसूइया उइके छात्रों की पहल से बहुत प्रभावित हुई। छात्रों को अपने अगले लक्ष्य 111,111 लोगों को ‘गिव वे टू एम्बुलेंस’ के लिए प्रेरित किया और आशीर्वाद दिया।
स्कूल निदेशक नलिन श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे 3 महीने से भी कम समय में बॉटम्स अप और टॉप-डाउन रणनीति द्वारा संचालित इस पहल ने 11,300 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। बॉटम-अप रणनीति के रूप में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के छात्र अपने पड़ोसियों, दोस्तों और परिवार तक पहुंचते हैं और उन्हें एम्बुलेंस को रास्ता देने के महत्व के बारे में बताते हैं। टॉप डाउन प्रक्रिया में यह जागरूकता ऊपर से नीचे आती है। इसके तहत छात्रों ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों एवं अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों का सहयोग ले रहे हैं।

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