भिलाई। ऑक्सीजन की कमी मौत का कारण बन सकती है। इसलिए फेफड़ों की सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। यह कहना है हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ प्रतीक नरेश कौशिक का। वे बताते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा इसके कारण ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक तक हो सकता है।डॉ कौशिक ने बताया कि फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें कुछ उपाय करने होंगे। गहरी सांस लेने का अभ्यास, योग, प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया अपनाएं। आम धारणा यह है कि शरीर से पानी केवल पेशाब या पसीने के रूप में बाहर निकलता है। यह सही नहीं है। सांस के साथ भी बड़ी मात्रा में पानी निकलता है। यदि फेफड़ों में किसी भी प्रकार का संक्रमण हुआ तो काफी पानी सांस के साथ निकल जाता है। ऐसे में शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखना एक चुनौती हो सकती है। मौसमी फलों का सेवन, विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन आवश्यक हो जाता है। इसके साथ ही सांस का रास्ता साफ रखने एवं फेफड़ों में जमा बलगम को गीला कर बाहर निकालने के लिए भाप लेनी चाहिए।
डॉ कौशिक ने भाप लेने का सही तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि फेशियल के लिए भाप का उपयोग और सांस के लिए भाप का उपयोग करना एक ही बात नहीं है। सांस के लिए भाव लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि चेहरे बर्तन के बहुत ज्यादा करीब न जाए। 60 से 80 डिग्री तापमान की हवा ही हमें अंदर खींचनी है जिससे नाक की भीतरी संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे। नाक चाहे आंशिक रूप से बंद हो या पूरी तरह से, हमें भाप को नाक से ही खींचने की कोशिश करनी चाहिए। भाप को फेफड़ों में भरने के बाद उसे 5 से 10 सेकण्ड तक अंदर रोकना चाहिए। इसके बाद मुंह से सांस छोड़नी चाहिए। ध्यान रहे कि सांस को वापस बर्तन में न छोड़ें।
उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ सामान्य फेफड़ा संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होता है। यदि फेफड़े सेहतमंद हों तो किसी भी प्रकार के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को आसान बना देते हैं।