बेमेतरा। महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा के बाल विकास अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी के निर्देशानुसार विकासखंड बेमेतरा के ग्राम-नरी में बाल विवाह की सूचना मिलने पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता, आउटरीच वर्कर, चाईल्ड लाईन 1098 बेमेतरा द्वारा विवाह स्थल मे पहुँच कर 17 वर्षीय नाबालिग बालिका का बाल विवाह रुकवाया गयाl उपस्थित परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह कानूनन अपराध होने की समझाईश दी गई जिस पर उनके द्वारा सहर्ष ही बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की गई तथा बारात वापस ले जाने की बात कही गई। बालिका के परिजनों ने कहा कि हमें यह ज्ञात नहीं था कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।
अधिकारियों द्वारा समझाईश दिये जाने पर उन्होने उक्त बालिका का विवाह 18 वर्ष के उपरांत किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया तथा उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका व 21 वर्ष से कम आयु का बालक का विवाह करना या करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है। उक्त टीम में रूचि ठाकुर (पर्यवेक्षक, खंडसरा), राजेश चंद्राकर (आउटरीच वर्कर), चेतन सिंह, दिनेश कश्यप (टीम मेंबर, चाइल्ड लाइन बेमेतरा), संदीप साहू (पु. आ.) एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लता गोस्वामी व शशि श्रीवास की उपस्थिति रहीl