बस्तर के कोंडागांव जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां गर्भवती महिलाएं दहशत में जीती हैं. जैसे ही छठवां-सातवां महीना लगता है वे गांव से निकलकर अपने मायके या किसी दूसरे स्थान पर पहुंच जाती हैं. डिलवरी का समय यदि बारिश के महीनों में निकले तो खतरा और बढ़ जाता है. बारिश के दिनों में यह गांव पूरी तरह टापू बन जाता है जहां से न कोई बाहर जा सकता है और न ही अन्दर आ सकता है. इस गांव के लोग अब आपस में चंदा कर नदी पर लकड़ी का अस्थाई पुल बना रहे हैं.
यह कहानी है कोटरलीबेड़ा की. यह कोंडागांव जिले के माकड़ी तहसील के अनंतपुर का आश्रित गांव है. इस गांव में कुल 52 घर हैं जिसमें 350 लोग रहते हैं. अनंतपुर से लेकर इस गांव तक न तो सड़क है, न ही पुल-पुलिया. बिजली और शिक्षा की सुविधा तक नहीं है. कोटरलीबेड़ा गांव के एक तरफ मारकंडे नाला, दूसरी ओर मेंढर और तीसरी तरफ भी एक बरसाती नदी-नाला है. बारिश के दिनों में गांव टापू बन जाता है.
बारिश के दिनों में गर्भवती महिलाएं प्रसव से एक-दो महीना पहले ही गांव छोड़ देती हैं. गर्भवती को अनंतपुर या अनंतपुर के आसपास के किसी गांव में रख दिया जाता है ताकि समय आने पर गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके. सामान्य दिनों में भी घर पर ही महिलाओं का प्रसव होता है. गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. जब कोई बीमार पड़ता है तो उसे बाइक या कांवड़ से करीब 10 किमी दूर अनंतपुर तक लाया जाता है.
छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर स्थित इस गांव के लोग अब आपस में चंदा कर नदी पर लकड़ी का अस्थाई पुल बना रहे हैं ताकि, इस मानसून थोड़ी राहत मिल सके. हालांकि यह गांव छत्तीसगढ़ में है पर अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए ग्रामीण सीमा पार कर ओडीशा जाते हैं. यहां से अनंतपुर ग्राम पंचायत 10 किमी दूर है जबकि ओडिशा महज 2 किलोमीटर. ओडिशा के सिलाटी बाजार से गांव वाले अपनी जरूरत पूरी करते हैं.
वन विभाग के माध्यम से बनेगा पुल
ग्राम पंचायत अनंतपुर के कोटरलीबेड़ा की समस्या के बारे में शासन-प्रशासन पूर्ण रूप से अवगत है. उनकी समस्या के समाधान के लिए वन विभाग को निर्देशित किया गया है. सड़क का कार्य जंगल के अंदर होना है. इसे वन विभाग के माध्यम से करवाया जाएगा. सड़क सर्वे कार्य पूर्ण हो जाने से मनरेगा मद से वन विभाग के माध्यम से निर्माण कार्य भी पूरा करवा दिया जाएगा. इसी तरह आंगनबाड़ी और स्कूल समेत अन्य सुविधाओं को भी जल्द पूर्ण करने की कवायद की जा रही है.
– प्रेम प्रकाश शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत