रायपुर. ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर सट्टा कारोबार करने वालों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार कानून को सख्त करने की तैयारी कर रही है नए विधेयक को विधानसभा के इसी सत्र में पेश किया जा सकता है. इसके लिए तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और असम में लागू कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है. कानून बन गया तो ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालों पर 10 लाख तक जुर्माना और न्यूनतम 7 साल की कैद हो सकती है. अब तक इसके आरोपियों को थाने से ही जमानत मिल जाती है. अदालत में भी केवल अर्थदण्ड ही लगता है.
अकेले रायपुर में हर साल लगभग 2 हजार सटोरी और जुआरी पकड़े जाते हैं. पुलिस ज्यादा से ज्यादा प्रतिबंधात्मक धारा 151 या 3-4 जुआ एक्ट के तहत ही कार्रवाई करती है. 3-4 जुआ एक्ट लचीला है. इसमें कैश कितना भी जब्त हो, थाने से ही जमानत हो जाती है. कोर्ट भी सजा के तौर पर अर्थदंड देते हैं. इसलिए इसमें बदलाव किया जा रहा है. नया कानून लागू होने के बाद ऑनलाइन गेमिंग की आईडी चलाने वालों को थाने से जमानत नहीं मिलेगी. इसमें सजा 7 से 10 साल रहेगी.
नया कानून तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान और असम की तर्ज पर होगा. इन राज्यों के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ में भी सख्त कानून लाया जा रहा है. तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जहां 2017 में ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया गया है. तेलंगाना में ऑनलाइन जुआ सट्टा खेलने वालों को 3 माह का कारावास, 5000 जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं.
नए कानून लागू होने पर ऑनलाइन जुएं का किसी भी तरह का विज्ञापन या ऑनलाइन गेम का विज्ञापन करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसी धाराओं में गिरफ्तार किया जाएगा, जिसमें एक साल कैद, 5 लाख का जुर्माना या दोनों सजाएं होंगी. ऑनलाइन जुआ खिलाने वाला, पैसे या प्रापर्टी को ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाने का खेल जो भी खिलवाता हुआ पकड़ा जाएगा, उसे 3 साल की कैद,10 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.
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